धनबाद(DHANBAD): शनिवार तक किसी की बात नहीं सुनने वाला MPL मैनेजमेंट रविवार को बैक फुट पर आ गया. विजय किस्कू की पत्नी को 15 लख रुपए मुआवजा और बेटे को टाटा पावर में नियुक्ति पत्र देने पर राजी हो गया. शनिवार को झारखंड सरकार के परिवहन एवं कल्याण मंत्री चंपई सोरेन की हस्तक्षेप के बाद भी मामला नहीं सलटा था. शनिवार को प्रबंधन कुछ सुनने को तैयार नहीं था. लेकिन रविवार को मामला कुछ उलट दिखा और प्रबंधन झुक गया. समझौता हो गया और लगभग 105 घंटे के बाद आंदोलन स्थल से लाश उठी. रविवार सुबह से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोग आंदोलन को तेज किए हुए थे. रविवार शाम 5 बजे के बाद झारखंड के परिवहन एवं कल्याण मंत्री चंपई सोरेन पहुंचे और प्रबंधन के साथ बातचीत हुई .उसके बाद मुआवजा और नौकरी दी गई और आंदोलन समाप्त हो गया.
नियुक्ति पत्र के साथ मिला 15 लाख का चेक
खैर,झारखंड मुक्ति मोर्चा के आंदोलन का परिणाम था कि विजय किस्कू के परिजनों को मुआवजा और नौकरी मिली. लेकिन इस आंदोलन को लेकर भी झारखंड मुक्ति मोर्चा में टकराहट दिखी. एक तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता अशोक मंडल के लोग दिखे तो दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश टुडू के समर्थक थे. टकराव की स्थिति भी उत्पन्न हो गई लेकिन मामला सलटा लिया गया. इस दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला के तमाम पुलिस पदाधिकारी ,एसडीएम, निरसा सीओ , बीडीओ के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे. नियुक्ति पत्र और 15 लाख के चेक देने के बाद मंत्री चंपई सोरेन ने लोगों को संबोधित किया और जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि मृतक विजय किस्कू के शव को एम्बुलेंस से पूरे आदिवासी परम्परा के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाय. उन्होंने कहा कि MPL मृतक विजय किस्कू के अन्य तीन पुत्र की पढ़ाई का खर्च देगा.जिसके बाद धरना समाप्त किया गया.
क्या था मामला
MPL में इलेक्ट्रीशियन के पद पर कार्यरत विजय किस्कू की मौत गंभीर बीमारी से हो गई थी. इसके इलाज MPL द्वारा कोई सहयोग नहीं दिया गया था.मौत के बाद परिजन मृतक विजय किस्कू के शव को लेकर मुआवजा और नियोजन की मांग को लेकर धरना पर बैठ गए . धरना पिछले 5 दिनों से चल रहा था . मंत्री चंपई सोरेन के हस्तछेप के बाद रविवार की शाम मांग पूरी हुई और धरना समाप्त हो गया.
धनबाद (निरसा) से विनोद सिंह की रिपोर्ट