जामताड़ा(JAMTARA): जिले में निजी अस्पताल किराने दुकान जैसा हर जगह पर खुल गया है. लेकिन जनता को इससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है. बिना किसी मापदंड के अस्पताल बे रोक टोक जारी है. अस्पताल संचालक में इलाज के नाम पर मरीजों को बंधक भी बनाने लगे है. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. नारायणपुर में एक प्राइवेट एम एस अस्पताल में जच्चा और बच्चा दोनों को बंधक बनाकर रखा हुआ है.
दो सप्ताह पूर्व महिला प्रसव पीड़ा के लिए अस्पताल पहुंची थी. जिन्हें सीजर कर प्रसव करया गया. तब से मां और नवजात को अस्पताल प्रबंधन रोक कर रखा है. पीड़िता के अनुसार बकाया भुगतान नहीं होने पर उनका टांका नहीं कटा जा रहा हैं.
महिला कर्माटांड़ थाना के मझलाडीह दास टोला की है. महिला का पति राजन दास दैनिक मजदूरी कर पेट पालता है. किसी तरह भर्ती होने के वक्त आठ हजार फिर नौ हजार रुपए जमा कराए. लेकिन अस्पताल में पैसे की डिमांड बढ़ती गई. अब अस्पताल कुल 35 हजार वसूलने पर अड़ा है.पूरा पैसा नहीं जमा होने पर आपरेशन वाला टांका नहीं काट जा रहा है. आलम यह है कि महिला को दो सप्ताह से रोक कर रखा है. महिला ने जैसे ही रोते हुए मीडिया से अस्पताल के अमानवीय व्यवहार की चर्चा कर अपने मुक्ति की गुहार लगाई. मामले की जानकारी उपायुक्त को मिली तो प्रखंड विकास पदाधिकारी को जच्चा बच्चा को मुक्त कराने का निर्देश दिया. बावजूद बीडीओ पिंकी देवी और उसके बच्चे को अस्पताल से मुक्त नहीं करा पाए.
रिपोर्ट: आर पी सिंह, जामताड़ा