जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : आपको अपने आस-पास कई तरह की छोटी बर्ड्स और तोते बेचते हुए लोग मिल जाएंगे. इन्हें खरीदने वाले भी कई है. मगर इन्हें पिंजरे में बंद कर बेचते और खरीदते वक्त कोई ये नहीं सोचता कि हम इनसे इनकी आजादी छीन रहें हैं. वहीं जमशेदपुर में कुछ लोगों द्वारा की गई एक छोटी सी पहल ने लोगों का दिल जीत लिया है. जहां शहर के बुद्धिजीवी वर्ग के लोग लगभग 5 दर्जन से ज्यादा पक्षियों को उनके पिंजरे से आजाद कर सुकून महसूस किया है. उनकी इस सोच की सभी सरहना कर रहें है. ये शहर एक ऐसा शहर है जो जहां सभी जाति धर्म समुदाय के लोग रहते हैं और उनमें उतना ही प्रेम भी है. और अब ये स्नेह और प्रेम जानवरों के प्रति भी देखने को मिली जिसकी लोग मिसाल देर हे है और कइयों को इससे एक अच्छी सीख भी मिल रही है.
इस पहल का उद्देश्य
वहीं जिन लोगों ने ये खूबसूरत कदम उठाया उन लोगों का कहना है कि पंचा पिंजरे में बंद है उससे पूछिए आजादी का मायने क्या होता है, लेकिन वही पिंजरे से बाहर निकलता है वे खुले आसमान के नीचे विचरण करने लगते है, और दुआ आजाद करने वाले लोगों को जरूर देते है और यही नजारा आज जमशेदपुर के जुबली पार्क में देखने को मिला है. यह एक संदेश हैं कि कोई किसी को बंधन में ना रखें और खुश रहें और दूसरों को भी खुशी प्रदान करे क्योंकि पशु पंछी हो या फिर इंसान आजादी सभी को अच्छी लगती है. क़ैद में कोई नही रहना चाहता है.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा