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झारखंड के विश्वविद्यालयों में 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली, लेकिन मंत्री का दावा जेआरएफ के अभ्यर्थियों के लिए शोध निदेशकों की कोई कमी नहीं, देखिये यह रिपोर्ट

झारखंड के विश्वविद्यालयों में 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली, लेकिन मंत्री का दावा जेआरएफ के अभ्यर्थियों के लिए शोध निदेशकों की कोई कमी नहीं, देखिये यह रिपोर्ट

रांची(RANCHI)- झारखंड के विश्वविद्यालयों में 40 फीसदी से अधिक शिक्षक के पद खाली है, हालत यह है कि Junior Research Fellowship (जेआरएफ) के अभ्यर्थियों को शोध निदेशक मिलना मुश्किल हो गया है. दरअसल यह सवाल जारी बजट सत्र के दौरान माले विधायक विनोद सिंह ने विधान सभा में उठाया है. माले विधायक अनुसूचित प्रश्न के जरिये विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी का मामला उठा रहे थें.

 आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस के बाद बहाली की प्रक्रिया शुरु करने का दावा

माले विधायक विनोद सिंह के जवाब में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को स्वीकार किया, साथ ही यह भी कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रयासरत है, राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों के मुख्यालय और अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को ईकाई मान कर आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस की प्रक्रिया का प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेज दिया है, आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस  मिलते ही बहाली की प्रक्रिया शुरु कर दी जायेगी.

मंत्री मिथिलेश ठाकुर का जवाब

हालांकि मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जेआरएफ के छात्रों के लिए शोध निदेशकों की कमी के दावे को अस्वीकार कर दिया, उनका जवाब था कि यह सही है कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली हैं, लेकिन शोध निदेशकों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि रांची यूनिवर्सिटी में जेआरएफ पास अभ्यर्थियों की संख्या 142 है, जबकि शोध निदेशकों की संख्या 92 हैं. वहीं विनोबा भावे यूनिवर्सिटी में जेआरएफ पास अभ्यर्थियों की संख्या 88 है, जबकि शोध निदेशकों की संख्या 42 है. सिद्धू-कानू मुर्मू यूनिवर्सिटी में जेआरएफ पास अभ्यर्थियों की संख्या 19 है जबकि शोध निदेशकों की संख्या 63 है. इस प्रकार विश्वविद्यालयों में शोध निदेशकों की कोई कमी नहीं है, रही बात शिक्षकों की कमी की तो सरकार इसके लिए प्रयासरत है

Published at:14 Mar 2023 01:27 PM (IST)
Tags:Jharkhand's universities40 percent of teachers' posts are vacant in Jharkhand's universitiesno shortage of research directors for JRF candidates
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