टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- लगातार दूसरे साल सूखे की चपेट में राज्य आता दिख रहा है , बारिश नहीं होने से तकलीफ बढ़ गई है. किसान खेतों में अपनी फसल लगाकार लाचार दिख रहें हैं. राज्य की राजधानी रांची में पानी नहीं बरसने से आसमान में धूप खिले हुए हैं. मॉनसून की कमजोरी के चलते ऐसा दिख रहा है. इस सुस्ती के चलते प्रदेश के किसी भी हिस्से में बारिश की संभावना कम दिख रही है. इसके चलते सूबे के दूसरे हिस्सों में तापमान में इजाफा दिख रहा है. वैसे राज्य में 3 सितंबर तक कई जगहों पर हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही है. इसे लेकर किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया गया. वैसे राज्य में अगले दो से तीन दिनों के दौरान अधिकत्तम तापमान धीरे-धीरे 2 से 3 डिग्री सेल्सियस बढ़ने की संभावना जाहिर की गयी है.
कमजोर मानसून से किसान परेशान
राज्य में कमजोर मानसून होने से इसका असर खेती पर पड़ा रहा है. किसान वर्षा नहीं होने सा मायूस है. उनकी नजरे सरकार पर टिकी हुई है. चतरा समेत कई जिलों में बारिश की कमी के चलते खेती बेहतर नहीं हुई है. 1 जून से 28 अगस्त तक सामान्य से 36 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. आंकड़ों के अनुसार इस दौरान राज्य में सामान्य रूप से 778.3 मिलीमीटर की जगह सिर्फ 501.8 मिलमीटर बारिश ही हुई है. राज्य के चार जिलों को छोड़ कर अन्य सभी 18 जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. सबसे खराब हालात चतरा जिले की है, जहां सामान्य से 62 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है.
किस जिले में कितनी हुई बारिश
अगर राज्य के कुछ जिलों का जिक्र करें तो, जहां बारिश सामान्य से कम हुई, तो उन जिलों में हजारीबाग में 54, गुमला में 50, गिरिडीह में 49,कोडरमा में 49,लोहरदगा में 47,जामताड़ा में 48, धनबाद में 41, पलामू में 40 प्रतिशत सामान्य से कम बारिश हुई है. वही, गोड्डा में 5 और साहेबगंज में 7 फीसदी से कम बारिश हुई है.
सूखे के हालात
राज्य में लगातार दूसरे साल ऐसी स्थिति है कि बारिश नहीं होने से सूखे के हालत पैदा हो गये हैं. हजारीबाग, गिरिडीह, कोडरमा,जामताड़ा में तो पानी नहीं बरसने से किसानों में चिंता हैं. आगे सभी को उम्मीदें है कि बारिश होगी औऱ उनकी फसलों को पानी मिलेगा. वैसे झारखंड में बारिश नहीं होने से केन्द्र सरकार ने भी पहल की है. जल्द ही राज्य के सुखाड़ प्रभावित नौ जिलों में राहत योजना चलाने के लिए 100 करोड़ रुपये मुहैय्या करायी जाएगी.