गिरिडीह (GIRIDIH): देश का युवा माँ भारती के रक्षा के लिए बॉर्डर पर जाता है. उसमें एक जुनून होता है और उस जुनून को अपने काम से दिखाता है. जब कभी देश पर किसी ने आँख उठाने की कोशिश की हमारे जबांजों ने उस आँख उठाने वाले को खत्म करने का काम किया. लेकिन कभी-कभी मां भारती की रक्षा अपनी शहादत दे कर भी जवान करते है. कुछ ऐसी ही झारखंड के लाल ने भी किया है. झारखंड के गिरिडीह जिले के अजय राय ने पुलवामा में आतंकियों के लोहा लेते हुए शहीद हो गए. उनकी शहदत पर पूरा देश गर्व कर रहा है. शहादत के बाद जब शव झारखंड पहुंचा तो पूरा झारखंड भारत माता के जयकारे से गूंजने लगा. शहीद जवान के अंतिम सफर में हजारों लोग शामिल हुए सभी की आंखे नम थी. लेकिन उन्हे उनकी शहादत पर गर्व से सीना चौड़ा था. लोगों के दिल में गुस्सा था.
शहीद जवान का पार्थिव गिरिडीह लाया गया
दरअसल आज शहीद जवान अजय राय का पार्थिव शरीर रांची लाया गया. जिसके बाद सीआरपीएफ की गांडी में अजय राय का पार्थिव शरीर गिरिडीह पहुंचा. फूलों से सजा वाहन और उनका फोटो हजारों की भीड़ को ये एहसास कराने के लिए काफी था, की अजय राय की शहादत सिर्फ एक शहादत नहीं बल्कि देश और गांव के लिए गर्व की बात है. लिहाजा, पार्थिव शरीर के गांव में प्रवेश करते ही भारत माता के जयकारे लगने के साथ शहीद अजय राय अमर रहे के नारे लगने लगे. और पार्थिव शरीर से सजा सीआरपीएफ का वाहन गांव घुसा, तो क्या परिवार और क्या ग्रामीण, हर किसी की आंखे नम दिखी.
जवान बेटे का शव जब पिता राजेंद्र राय ने देखा तो वो बेटे के शव से लिपट कर रोने लगे. जबकि शहीद अजय की पत्नी करिश्मा कुमारी के आंख के आंसू सूख चुके थे, जो एक बार तो पति का शव देख कर रो पड़ी. लेकिन शहीद अजय के दो छोटे बेटे ने अपनी मां के आंख से आंसू छीन लिया था. इस दौरान जवान अजय की पत्नी करिश्मा और पिता को हिम्मत देने खुद केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा और सहायक कमांडेंट सुभाष चन्द्र आगे आए, और दोनो को हिम्मत दिया. कुछ देर के बाद शहीद जवान की अंतिम यात्रा शुरू हुई, और गांव के मुक्तिधाम में उनके पार्थिव शरीर को उनके बड़े भाई मनोज राय ने मुखाग्नि दी .
रिपोर्ट. दिनेश कुमार