रांची(RANCHI): देश में नरेंद्र मोदी 3.0 की सरकार चल रही है. लोकसभा चुनाव के बाद सदन की कार्यवाही बुलाई गई. यह 18वीं लोकसभा की पहली सत्र है. जिसमें सभी नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण कराया गया. अब सदन की कार्यवाही का अंतिम दिन है. ऐसे में सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर सदस्य अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है. इसी कड़ी में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा नेत्री सह राज्यसभा सांसद महुआ माजी खड़ी हुई तो कई बिंदुओं पर सरकार को घेरती दिखी. साथ ही सर्वोच्च सदन में महुआ ने हेमंत की गिरफ़्तारी का मुद्दा को उठाया.
हेमंत को षड्यन्त्र के तहत जेल में रखा
18 वीं लोकसभा में महुआ माजी ने सदन में सरकार को कई मुद्दों पर घेरते दिखी.उन्होंने सबसे पहले झारखंड की कई ज्वलंत मुद्दों पर सवाल पूछा है. इस दौरान महुआ ने सदन में कहा कि आदिवासियों के उत्थान के लिए बड़ी बड़ी बात करने वाले भाजपा के लोग सबसे बड़े आदिवासी विरोधी है. भगवान बिरसा मुंडा को अंग्रेजों ने जेल में डालने का काम किया था और झारखंड के मुख्यमंत्री को साजिश के तहत इस्तीफा दिलवा कर जेल में डालने का काम किया है. हेमंत सोरेन पर एक षड्यन्त्र रच कर जेल भेजने का काम किया गया.
आंख में आंख डाल कर बात करना हेमंत का गुनाह
झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत दे दिया. इस जमानत के साथ ही षड्यन्त्र रचने वालों का नकाब भी उतर गया है. महुआ ने हाई कोर्ट के बेल ऑर्डर का जिक्र किया है, जिसमें दावा किया कि ईडी किसी तरह का कोई सबूत कोर्ट में नहीं रख सकी है. एक लोकप्रिय नेता को जबरन पांच महीना जेल में रखने का काम किया गया. इनका गुनाह इतना था की केंद्र सरकार की नाकामियों को आंख में आंख डाल कर गिना रहे थे. राज्य के गरीब के लिए आवास की मांग कर रहे थे.