दुमका(DUMKA): गोड्डा के पोड़ैयाहाट से कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव हमेशा अपनी बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. एक केस के सिलसिले में दुमका कोर्ट में हाजिरी लगाने पहुंचे विधायक प्रदीप यादव ने कोर्ट परिसदन में मीडिया से बात की. जहां उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियां एक मंच पर आ रही है, जो कि एक अच्छी पहल है.
देवी दुर्गा की भाती करेंगे आसुरी शक्ति को खत्म
दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हाल के कुछ दिनों से लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तमाम विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है. विधायक प्रदीप यादव ने इसका समर्थन करते हुए कहा, इतिहास गवाह है कि जब-जब ऐसी विचार जो आम लोगों के विचारों से मेल नहीं खाता है. कठोर शब्दों में कहें तो आसुरी विचार हावी होने लगता है, तो सारी शक्तियां एकजुट होकर आसुरी विचार को परास्त करने में जुट जाती है. हिंदू धर्म ग्रंथों को देखें तो देवी दुर्गा का अवतार भी आसुरी शक्ति को समाप्त करने के लिए हुआ था. उन्होंने कहा कि जब आसुरी शक्ति पूरी तरह से छा गई तो सभी देवताओं ने अपनी शक्ति देकर दुर्गा का अवतार किया. उसके बाद देवी ने असुर का नाश किया.
विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सामान्य रूप से अगर देखें तो आज जो विचार खासकर इस देश में हावी है. वह आम लोगों के विपरीत है. देश मे तानाशाह का विचार हावी हो गया है. जिस तरह यह देश आजाद हुआ, आगे बढ़ा, लेकिन आज की बात करे तो हमारा देश का लोकतंत्र खतरे में है. जिस संविधान के आधार पर हम आगे बढ़ रहे हैं वह खतरे में है. इनको बचाने वाले जो विभिन्न जगहों पर छोटे-छोटे समूह में हैं, राजनीतिक पार्टियां हैं, चाहे कांग्रेस हो या अन्य दल. सब ने मिलकर मन बनाया है कि हम सब मिलकर एक शक्ति बनाएं ताकि पहले उन्हें परास्त करें जिससे लोकतंत्र खतरे में है. संविधान खतरे में है. देश की धर्मनिरपेक्षता जो हमारी पहचान है खतरे में है. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है तमाम विपक्षी पार्टियां एक हो रही है और इसका परिणाम वर्ष 2024 में अच्छा रहेगा.
जब उनसे पूछा गया कि आखिर चेहरा कौन होगा तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम इतने बड़े ओहदे पर नहीं जो इस सवाल का जवाब दे सकें. लेकिन इतना जरूर जानते हैं कि सब ने कहा है कि पहले एक मंच पर आएं, चुनाव लड़े, उस शक्ति को हराएं जिससे देश के संविधान को खतरा है. इसी सोच के तहत तमाम विपक्षी पार्टियां धीरे-धीरे एक मंच पर आ रही है.
रिपोर्ट. पंचम झा