रांची(RANCHI): झारखंड में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही उग्रवादियों की गतिविधि बढ़ गई है. विभिन्न नक्सली संगठन पलामू के इलाके में सक्रिय है. लेकिन पुलिस की कार्रवाई उग्रवादियों के खिलाफ सुस्त दिख रही है. कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. यही वजह है कि उग्रवादियों का मनोबल बढ़ गया है. इतना ही नहीं पुलिस की सुस्ती के कारण ही अब उग्रवादियों के निशाने पर हुसैनाबाद विधायक कमलेश सिंह का पूरा परिवार आ गया है. विधायक के परिवार के सदस्यों को कई बार माओवादी और अन्य उग्रवादी संगठन की ओर से धमकी दी गई.इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक से लेकर क्षेत्र के डीएसपी को दी गई लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. जिसका नतीजा माओवादियों विधायक के भाई की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.
तीन गाड़ियों को माओवादियों ने किया आग के हवाले
बता दे कि हैदरनगर में डंडिला से सड़ेया तक का रोड निर्माण का कार्य चल रहा है.हर दिन की तरह काम खत्म करने के बाद सभी वाहन को डंडिला में खड़ा किया गया था.इसी बीच देर रात करीब 10 से 11 बजे के आसपास हथियार बंद उग्रवादी पहुंचे और दो ट्रैक्टर के साथ एक JCB को आग के हवाले कर दिया. सभी वाहन अभय कंस्ट्रक्शन का है.इस रोड निर्माण में लगे कंपनी के संवेदक से कई बार माओवादियों ने लेवी की मांग की है. लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई पुलिस की ओर से नहीं की गई है.
विधायक के भाई की है कंपनी
अभय कंस्ट्रक्शन हुसैनाबाद विधायक कमलेश के भाई विनय कुमार सिंह का है. पलामू में दो साइट चल रहा है. हरिहरगंज में पूल निर्माण और दूसरा डंडिला सड़या रोड निर्माण. दोनों जगह पर लेवी की मांग की जा रही है. लेवी और धमकी के मामले में कई बार हुसैनाबाद SDPO और छतरपुर SDPO को शिकायत दर्ज कराई है. लेकिन पुलिस ने किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया. इसी का नतीजा है कि माओवादियों का मनोबल बढ़ा और वारदात को अंजाम दे दिया.
पलामू एसपी पर सवाल क्यों सुस्त है पुलिस
इस वारदात के बाद पलामू एसपी पर भी सवाल खड़ा हो रहा है. आखिर जब इलाके में विकास कार्य चल रहा है और इसे रोकने के लिए उग्रवादी कई हथकंडे अपना रहे है. इसकी जानकारी भी पुलिस के पास मौजूद है तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है. क्या पुलिस अधीक्षक पलामू को इलाके की जानकारी नहीं है? क्या पलामू पुलिस का खुफिया तंत्र फेल हो गया है,जब कोई माओवादी दस्ता इलाके में सक्रिय था तो सर्च अभियान क्यों नहीं चलाया गया. ऐसे कई सवाल एसपी पर खड़ा हो रहा है.
2007 में माओवादियों ने उड़ाया था घर
अगर देखे तो हुसैनाबाद विधायक शुरू से ही माओवादियों के निशाने पर है. साल 2007 में तो माओवादियों ने कमलेश का कामगार पुर स्तिथ आवास को उड़ा दिया था. गनीमत थी की उस समय घर में कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था. इसके बाद भी कई बार धमकी दी जा चुकी है. नक्सलियों के निशाने पर होने के वजह से कमलेश सिंह को CRPF की एक्स श्रेणी की सुरक्षा भी दी गई है.
विधायक ने एसपी पर खड़ा किया सवाल
विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि पलामू एसपी को विनय कुमार सिंह के द्वारा लगातार सूचना दी गई थी. मगर सूचना के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होना एसपी के अदूरदर्शिता को उजागर करता है. उन्होंने कहा कि एसपी उनकी भी सुरक्षा पर ध्यान नहीं देती है. यह झारखंड सरकार के इशारे पर अनदेखा करती है. उन्होंने कहा कि उनका परिवार हमेशा उग्रवादियों के निशाने पर रहता है. इसका जीता जागता सबूत उनके पैतृक घर को उग्रवादियों द्वारा 2007 में उड़ाया गया था. इसके बाद भी कई बार उनके उपर हमला का प्रयास किया गया है.
गृह मंत्री से करेंगे शिकायत
उन्होंने कहा कि बुधवार की रात उनके भाई विनय कुमार सिंह के कार्यस्थल पर एक जेसीबी और दो ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया. विनय कुमार सिंह ने पलामू एसपी से लगातार गुहार लगाने का काम किया. मगर कोई सुनवाई नहीं करने का परिणाम है उग्रवादियों का मनोबल बढ़ना. उन्होंने सम्पूर्ण जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री को देने की बात कही.