टीएनपी डेस्क(TNP DESK):-इसे चमत्कार कहिए या फिर देविय कृपा या फिर कोई और वजह माने. एक शख्स को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, परिजनों ने मेडिकल बिल भी भर दिया था. उसके लिए कफन खरीद लिया गया था और अर्थी भी सज गई थी .तब ही उसके शरीर हिलने-डुलने लगा. उसके देह में प्राण लौट आई. यह घटना गढ़वा के मछिआंव झाना क्षेत्र के खजूरी गांव की है. जिसे लोग देखकर अंचभित हैं. लोगों को भरोसा नहीं हो रहा है. कि एक मरे इंसान के शरीर में जान लौट आई. इसके बाद उस शख्स को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसे बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया. यह घटना पूरे गढ़वा जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
सड़क हादसे में शिकार हुआ था युवक
बताया जा रहा है कि मझिआंव थाना क्षेत्र के खजूरी गांव उदय विश्वकर्मा के पुत्र 24 साल के नीतीश कुमार की मोटरसाइकिल 13 अगस्त को मझिआंव-गढ़वा मार्ग पर मेराल थाना क्षेत्र के बोकेया गांव के पास बिजली के खंभे से टकरा गई थी. नीतीश के गंभीर रुप से घायल होने के बाद पलामू जिले के मेदिनीनगर के एक क्लीनिक में उनका इलाज चल रहा था. इस दौरान उसकी हालत दिन ब दिन बिगड़ती ही चली गई. शरीर का अंग भी हिलना-डुलना बंद कर दिया था. डॉक्टरों ने परिजनों को मेडिकल बिल भरने को कहा दिया था और बताया गया कि नीतीश मर चुका है. मृतक के पिता ने गांव में मोबाइल फोन से इसकी सूचना दे दी. उसके अंतिम संस्कार की तैयारी होने लगी थी. कफन खरीद कर अर्थी बनाने की तैयारी चल रही थी.
जब शरीर में होने लगी हरकत
शनिवार रात 8 बजे परिजन नीतीश के शव को एंबुलेंस लेकर खजूरी गांव पहुंचे, इसके बाद जैसे ही एंबुलेंस का दरवाजा खोला , तो देखा की उसके शरीर में हरकत हो रही है. हाथ-पैर हिल रहें हैं, इसके बाद शीघ्र ही उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया. इधर, नीतीश की जान लौटने के बाद निजी अस्पताल का कहना है कि मरीज को मृत घोषित नहीं किया गया था, परिजन अपनी जिम्मेदारी पर ले गये थे.