रांची- हेमंत सरकार पार्ट-2 कोई साधारण सरकार नहीं है. इस सरकार में ताकत है, दूरदर्शिता है और अच्छा काम करने का अवसर भी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बहुत सोच समझकर हर कदम उठा रहे हैं. बहुत ही गंभीरता और मैच्योरिटी के साथ हेमंत सरकार काम करने का इरादा रखती है. मुख्यमंत्री की सोच को मूर्त रूप देने के लिए उनके सहयोगी यानी मंत्रियों का समूह है. इनके ऊपर भी बड़ा दायित्व है. सीधे तौर पर कहें तो इनके ऊपर एक दबाव भी है. किस तरह का दबाव है यह जरूर जानना चाहिए.
सभी मंत्रियों के समक्ष क्या है चुनौती
हेमंत सरकार पार्ट 2 के लिए कोई हनीमून पीरियड नहीं है. मंत्रिमंडल के सहयोगी यानी मंत्रियों को यह बता दिया गया है कि उन्हें अच्छा काम करना है. आंकड़ों से मजबूत सरकार को किसी प्रकार की चिंता नहीं है. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर अपने मंत्रियों को बता दिया है कि विभाग की योजनाओं को पारदर्शी तरीके से जमीन पर उतरना है. इसलिए समीक्षा की एक नियमित आदत डालने की जरूरत है. इसलिए मंत्री अपने-अपने विभागों की समीक्षा करने में लगे हुए हैं आज यानी सोमवार को श्रम नियोजन प्रशिक्षण और कौशल विभाग के मंत्री संजय प्रसाद यादव अपने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे. वर्ष 2024-25 के लिए जो योजनाएं स्वीकृत की गई है. उन पर कितना काम हुआ. उनका ब्यौरा लिया जाएगा. वर्तमान वित्तीय वर्ष के मात्र तीन महीने बचे हैं. इसमें बेहतर काम करने की चुनौती है.
*समीक्षा कर लंबित योजनाओं को पूरा करने की चुनौती*
मंत्री हफीजुल हसन अंसारी को भी विभाग का जिम्मा मिला हुआ है.जल संसाधन विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग कि आज उन्होंने समीक्षा बैठक रखी है. इस समीक्षा बैठक में विभागीय सचिव के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.उनके समक्ष भी वही चुनौतियां हैं.3 महीने में बजट की राशि का बेहतर उपयोग करने की जवाबदेही है.मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप पूरी पारदर्शिता के साथ काम करना है.सभी मंत्रियों को यह निर्देश दिया गया है कि वह अपने विभाग के कामकाज को पारदर्शी तरीके से संपादित करें.