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झारखंड में मिलेट्स मिशन, जानिए क्या है ये और हेमंत सरकार क्यों कर रही प्रोत्साहित

झारखंड में मिलेट्स मिशन, जानिए क्या है ये और हेमंत सरकार क्यों कर रही प्रोत्साहित

टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- झारखंड में मिलेट्स मिशन पर सरकार पूरा ध्यान दे रही है. इसके लिए उन किसानों को सहयोग दे रही है, जो इसकी खेती करने को उत्सुक है. दरअसल, पानी की कमी के चलते किसानों के लिए अपनी पैदवार करना मुश्किल हो जाता है. पिछले दो साल से सूखाड़ जैसे हालात के चलते किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. ऐसी हालत में राज्य सरकार ने मिलेट्स मिशन पर काम कर ही है. इससे फायदा किसानों को ये होगा कि पारंपरिक खेती से अलग हटकर वेक्लपिक खेती की तरफ रुझान बढ़ता है.  

क्या है मिलेट्स मिशन

मिलेट्स मोटे अनाजों को बोला जाता है, यानि ज्वार, बाजार औऱ मडुआ. इनकी खेती करने से स्वास्थ्य भी बेहतरीन रहेगा औऱ किसानों की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी. किसान जो पारंपरिक खेती पर निर्भर रहते हैं, अगर अपना ध्यान हटाकर इस ओर लगायेंगे तो बारिश पर भी उतना नहीं रहना पड़ेगा. इसके साथ ही उनकी जिंदगी भी बदलेगी. राज्य सरकार किसानों को इस कदर मिलेट्स के लिए प्रोत्साहित कर रही है कि प्रति एकड़ बाजरे की खेती के लिए 11250 रुपए दिए जा रहे हैं. वही बाजारा की खेती के लिए 10500 रुपए प्रति एकड़ और मडुआ के लिए प्रति एकड़ 8800 रुपए की राशि दी जाएगी.  

सीधे किसानों के खाते में जाएगी राशि

ज्वार,बाजरा औऱ मडुआ की खेती के लिए सरकार डीबीटी यानि डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर के माध्यम से किसानों के खाते में उक्त राशि भेजेगी. खेती करने वाले किसानों को इसके लिए पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा. बाद में सरकार की ओर से खेती का सर्वे किया जाएगा, तब जाकर पैसे उनके खाते में भेजे जाएंगे. किसानों को पहले अपने खर्च पर खेती करनी होगी. इसके बाद विभाग को जानकारी किसान देगा. ब्लाक चेन के जरिए किसानों को पंजीयन की जानकारी रखी जाएगी ताकि हर साल अलग-अलग किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जा सके.

राज्य में दो साल से सूखाड़

पिछले दो साल से मानसून किसानों को दगा देता रहा है. राज्य में किसानों की हालत इसके चलते काफी मुश्किल हुई है. पानी की समस्या के चलते ही इस साल धान की पैदवार उतनी नहीं हुई. इस बार बारिश नहीं होने चलते 158 ब्लाक को सुखाड़ के हालात पैदा हुए है. हालांकि, अभी तक सुखाड़ का एलान नहीं किया गया है.

शरीर के लिए बेहतरीन हैं मिलेट्स

अच्छी सेहत के लिए मोटे अनाज को अच्छा माना जाता है. चावल, गेहू, जो के मुकाबले मिलेट्स काफी अच्छा माना जाता है. जिसमे ज्वार,बाजारा, मडुआ ,कोरा और बरगर शामिल हैं. इसमे प्रोटिन, मिनरल्स, कैल्शियम औऱ फाइबर का खजाना होता है. स्वाद औऱ पोष्टिक होने के साथ-साथ मिलेट्स रोगों से ल़ड़ने में भी मददगार साबित होते हैं. जो दिल, शुगर औऱ कैंसर जैसे रोगों से लड़ने में काफी सहायक होते हैं. दैनिक जिवन में अगर इसे शामिल किया जाए, तो ये काफी गुणकारी साबित होता है.

झारखंड में मिलेट्स मिशन किसानों के लिए वरदान साबित होगा. अगर इसकी खेती अन्नदाता करते हैं, तो उनकी जिंदगी बदलेगी. प्रदेश सरकार की भी यही चाहत है कि सूखाड़ा जैसे हालात से निपटने के लिए मिलेटस की खेती करें, जिससे उन्हें एक विकल्प मिलेगा. जो समस्याएं पारंपरिक खेती में आती है, बहुद हद तक इस पर काबू पाया जा सकता है. किसानों को आर्थिक रुप से सबल बनाने के लिए इसकी खेती काफी बेहतरीन साबित होगी. राज्य सरकार की मदद से किसानों को भी काफी फायदा पहुंचेगा.

Published at:02 Jan 2024 12:37 PM (IST)
Tags:Millets Mission in JharkhandHement government on farmersjharkhand mai bajre kr khetihement government in agriculture hement sarkar ki kisan nitiHement government on millets agriculture
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