धनबाद(DHANBAD): धनबाद में जन्मे सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा का विवाद धनबाद में ही थमने का नाम नहीं ले रहा है. दो समानांतर समितियों से छूटकारा मिला तो अब कई लोगों को शो कॉज किया गया है. इससे चुनावी वर्ष में पार्टी को कितना फायदा और कितना नुकसान होगा. यह तो भविष्य के गर्भ में है. जिला अध्यक्ष लक्की सोरेन ने पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश टुडू समेत 7 नेताओं को शो कॉज कर जवाब मांगा है. 20 जून को धनबाद में आयोजित जिला समिति की बैठक में हुए हो -हंगामे को लेकर शो कॉज पत्र जारी किया गया है. जिन लोगों को शो कॉज दिया गया है, उनमें पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश टुडू , सुशोभन चक्रवर्ती, अनुरव सरकार ,रति लाल टुडू , रामू मंडल, गोपिन टुडू, लक्ष्मी मुर्मू, अख्तर हुसैन अंसारी शामिल है. पत्र में कहा गया है कि 20 जून को हुई जिला समिति की बैठक में अनुशासनहीनता का परिचय दिया गया.
कुल सात नेताओं को जारी किया गया है शो कॉज
वर्तमान जिला समिति को सामान्य रूप से काम करने से रोकने, जिले में गुटबाजी को प्रश्रय देने समेत अन्य आरोप लगाए गए है. 20 जून को जिला समिति की बैठक हुई थी, उस बैठक में रमेश टुडू मंच पर चढ़ गए थे और किसी बात पर अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे थे. हालांकि समझाने- बुझाने के बाद सब कोई शांत हो गया और स्थिति सामान्य हो गई थी. लेकिन वर्तमान जिला कमेटी इसे अनुशासनहीनता के रूप में देखते हुए show-cause किया है. धनबाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा में लंबे समय से विवाद चल रहा है. पहले जब रमेश टुडू अध्यक्ष बनाए गए थे तो दो समानांतर कमेटियां चल रही थी. एक समिति रमेश टुडू चला रहे थे तो दूसरी समिति सचिव पवन महतो की चल रही थी. इसके बाद जब विवाद अधिक बढ़ा तो केंद्रीय नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया और जिला समिति को भंग कर समन्वय समिति का गठन कर दिया गया. फिर इस समन्वय समिति ने रायशुमारी कर केंद्रीय नेतृत्व को एक रिपोर्ट भेजी.
नई कमेटी गठन के बाद भी विवाद ख़त्म नहीं हुआ
जिसके बाद नई कमेटी का गठन हुआ. जिसमें लक्की सोरेन अध्यक्ष बनाए गए. लक्की सोरेन के अध्यक्ष बनने के बाद लग रहा था कि विवाद खत्म हो जाएगा लेकिन यह विवाद खत्म हुआ नहीं. झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन 1972 में एके राय, बिनोद बिहारी महतो और शिबू सोरेन ने मिलकर धनबाद में किया था. आगे एके राय की राय अलग हो गई. बिनोद बिहारी महतो का निधन हो गया, उसके बाद गुरु जी के हाथों में बागडोर आया. हालांकि इसके बाद भी झारखंड मुक्ति मोर्चा में टूट हुई. झारखंड मुक्ति मोर्चा का मार्डी गट भी बना. फिलहाल शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष है. लेकिन जन्म स्थली में ही विवाद पीछा नहीं छोड़ रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो