धनबाद(DHANBAD): पिछले 24 घंटे से धनबाद और झारखंड की राजनीति के केंद्र में है निरसा का ROB, कुमारधुबी में नवनिर्मित ROB, का लोकार्पण शनिवार को होना था लेकिन शुक्रवार को ही पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने रिक्शा चालकों के हाथे करा दिया. नारियल भी फोड़ दिए, मिठाइयां भी लोगों के बीच बांट दी गई. शनिवार को लोकार्पण के लिए झारखंड के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन कुमारधुबी पहुंचे. सभा का आयोजन हुआ, निरसा से भाजपा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता भी मौजूद थी. सांसद पशुपतिनाथ सिंह भी थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता अशोक मंडल गाजे-बाजे के साथ पहुंचे थे. सांसद पीएन सिंह ने शुक्रवार को लोकार्पण की घटना को शर्मनाक बताया, उन्होंने प्रश्न दागा की झारखंड के मंत्री नारियल फोड़ने के लिए आज पहुंचे हुए हैं और शुक्रवार को ही नारियल फूट गया. शुक्रवार को ही फीता कट गया. यह तो शर्मनाक घटना है. उन्होंने कहा कि इस घटना से अच्छा संदेश नहीं जाएगा.
कल जहां मासस के झंडे थे वहीं आज भाजपा और झमुमो के झंडे दिखे
कुमारधुबी के इस ROB पर शुक्रवार को मासस का झंडा लहरा रहा था. गाजे बाजे के साथ समर्थक नाच -गा रहे थे. आरओबी का लोकार्पण कर रहे थे लेकिन उसके तुरंत बाद पुलिस ने फिर से सील कर दिया और इसे शनिवार को लोकार्पण के लिए सुरक्षित कर दिया गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता अशोक मंडल पूरे गाजे-बाजे के साथ सभा स्थल पर पहुंचे थे. कल जहां मासस का झंडा लहरा रहा था, वही आज झारखंड मुक्ति मोर्चा और भाजपा के झंडे लहरा रहे थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा और भाजपा के झंडे में भी प्रतियोगिता दिख रही थी. कौन किस पर भारी पड़ेगा, इसे दिखाने की कोशिश हो रही थी. निरसा की राजनीति फिलहाल तीन ध्रुव में बटी हुई है. एक ध्रुव का नेतृत्व मासस नेता पूर्व विधायक अरूप चटर्जी करते हैं ,दूसरे ध्रुव का नेतृत्व फारवर्ड ब्लाक से भाजपा में आई विधायक अपर्णा सेनगुप्ता करती है तो तीसरे ध्रुव का नेतृत्व झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता अशोक मंडल करते है. अशोक मंडल बहुत पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा में ही थे, फिर वह भाजपा में चले गए, भाजपा के जिला अध्यक्ष बने थे. फिर भाजपा से मोहभंग होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा में चले गए. आज फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपनी ताकत और क्षमता दिखाने की कोशिश की.
परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने विधिवत ROB का लोकार्पण किया
परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने विधिवत ROB का लोकार्पण किया और यह जनता को समर्पित कर दिया गया. डीआरएम ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कोरोना काल में पुल के निर्माण की गति थोड़ी धीमी थी, लेकिन उसके बाद गति तेज कर पुल का निर्माण कर लिया गया. हालांकि यहां सवाल उठाए गए कि अभी एप्रोच सड़क नहीं बनी है और लोकार्पण कर दिया गया. डीआरएम का कहना था कि यह राज्य सरकार का काम है. इस पुल की कुल लागत 37.81 करोड़ रुपए है, जिसमें झारखंड सरकार की ओर से 23.59 करोड़ राशि का बहन किया गया है. ओवर ब्रिज के निर्माण का श्रेय लेने के लिए होड़ मची हुई है, हर राजनीतिक दल के नेता चाह रहे है कि पुल निर्माण का क्रेडिट उन्हें मिले , इसीलिए कल मासस नेता ने लोकार्पण किया तो आज इसका विधिवत लोकार्पण हुआ. देखना होगा कि पुल के एप्रोच सड़क के निर्माण के लिए भी क्या नेता श्रेय लेने के लिए इसी तरह सक्रियता दिखाएंगे. यह एक बड़ा सवाल है ,जिसका उत्तर भविष्य के गर्भ में छिपा है.
धनबाद (निरसा) से विनोद सिंह की रिपोर्ट
