धनबाद(DHANBAD): सिंह मेन्शन समर्थक बुधन मंडल की हत्या के बाद धनबाद पुलिस चौकस है. बुधन मंडल को गोली क्यों मारी गई, उसकी हत्या से किसको लाभ मिल सकता है. इन सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है. इस बीच पुलिस ने नामजद आरोपियों में से एक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. अन्य नामजद लोगों की तलाश तेज कर दी गई है. बुधन मंडल को शनिवार की रात गोली मारी गई थी. वह अपने रेस्टोरेंट से घर के लिए निकला था कि उसे गोली मारी गई. मृतक बुधन मंडल के रेस्टोरेंट के आगे और पीछे सीसीटीवी कैमरे तो लगे है. कैमरे में घटना के समय उधर से एक बाइक गुजरती दिख रही है. हालांकि अंधेरे के कारण उस पर सवार लोगों की पहचान नहीं हो पाई है.
झरिया पुलिस हत्याकांड का सुराग ढूंढने में लगी है
झरिया पुलिस इस हत्याकांड का सुराग ढूंढने में लगी हुई है, लेकिन चर्चा है कि बुधन मंडल की हत्या के पीछे कोई राजनीति कारण या रंगदारी वजह हो सकती है. पुलिस इसकी भी जांच कर रही है. बुधन मंडल के छोटे भाई ने चार लोगों को हत्याकांड का नामजद आरोपी बनाया है. इसमें गुड्डू सिंह, अभिषेक सिंह उर्फ ढोलक सिंह, बजरंगी पांडे और पप्पू सिंह के नाम शामिल है. ढोलक सिंह फिलहाल पुलिस हिरासत में है. सूत्र बताते हैं कि बुधन मंडल पिछले कुछ दिनों से कई लोगों के आंखों का कांटा बना हुआ था. बस्ताकोला के कोयला डंप में जनता मजदूर संघ और संयुक्त मोर्चा के बीच खूनी संघर्ष में बुधन मंडल का फायरिंग करते हुए वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद पुलिस ने उसे उसके ससुराल से गिरफ्तार किया था. 3 महीने के बाद वह जेल से छूटा था.
घटना के पीछे की असली वजह जानने की कोशिश में पुलिस
कुछ लोगों का मानना है कि बुधन मंडल की हत्या की घटना राजनीति की देन है तो कुछ का कहना है कि इसके पीछे रंगदारी, वर्चस्व और कोयले का अवैध कारोबार कारण हो सकता है. परिजनों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के समय से ही कई लोगो से उसकी दुश्मनी हो गई थी और उसे लगातार धमकी मिल रही थी. परिजनों ने गुड्डू सिंह और अभिषेक सिंह पर चार-पांच दिन पहले धमकी देने का आरोप लगाया है. इस हत्याकांड के बाद रविवार धनबाद -झरिया सड़क पर भारी बवाल हुआ. बुधन मंडल के समर्थक पुलिस से उलझ गए. पत्थरबाजी हुई, पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा. धनबाद -झरिया मुख्य सड़क जाम होने के कारण कई लोगों की ट्रेन छूट गई. झरिया इलाके से धनबाद पहुंचने के लिए लोगों को रास्ता नहीं मिल रहा था. जाम हटाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो