पलामू (PALAMU) : गढ़वा-पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों में बाघ को लेकर आसपास के क्षेत्र में रह रहे लोगों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है. करीब 12 दिन पहले तेंदुए ने गरबा में दो और लातेहार में एक बच्ची को मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद से ही गांव के लोगों के बीच दहशत है. इसको देखते हुए वन विभाग लगातार आदमखोर तेंदुआ की धरपकड़ का प्रयास कर रहा है. लेकिन तेंदुए को पकड़ना वन विभाग के लिए चुनौती बन गया है. जानकारी के अनुसार तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने जंगल में 6 जगहों पर पिंजरा लगाया है लालच के लिए पिंजरे के अंदर बकरी को रखा गया है. लेकिन अब तक वन विभाग के हाथ कुछ भी नहीं लग पाया है. इसे देखते हुए अब विभाग ने उसे गोली मार देने की अनुमति मांगी है. वन प्रमंडल अधिकारी शशि कुमार की मानें तो अगले 2 दिनों में अगर तेंदुआ पकड़ा नहीं गया तो उसे गोली मारना ही अंतिम विकल्प होगा.
कॉपी-पेन लेने घर से निकली थी बच्ची
बता दें कि लातेहार में 11 दिसंबर शनिवार की देर शाम तेंदुए ने बच्ची पर हमला किया था. दरअसल, छिपादोहर में घर से निकलकर 6 साल की बच्ची नज़दीक के दुकान में कॉपी कलम लेने गई थी. जब वह वापस लौट रही थी तभी जंगल की ओर से जानवर सड़क पर आ गया और बच्ची पर हमला कर दिया. बच्चे की रोने की आवाज़ सुनकर आसपास के लोग और परिजन घर से बाहर निकले तो किसी तरह से बच्ची को उसके चंगुल से छुड़ाया. उसके बाद मेदिनीनगर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान रविवार अहले सुबह उसकी मौत हो गई. बच्ची के परिजनों का कहना था कि उस पर बाघ ने हमला किया है. वहीं, PTR के अधिकारियों ने भी माना कि तेंदुए के हमले से बच्ची की मौत हुई.
चार लाख का मिलेगा मुआवजा
वहीं, इस मामले में PTR अधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली वहां से निजी वाहन से बच्ची को मेदिनीनगर लाया गया. उन्होंने बताया मृतक बच्ची की मौत के बाद परिजनों को चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा और जो भी संभव मदद विभाग द्वारा होगी दी जाएगी. लेकिन घटना के लगभग 10 दिन के बाद भी बच्ची के परिजनों को मुआवजा मिलने की कोई खबर सामने नहीं आई है.
परिजनों का मानना बाघ ने किया हमला
वहीं, बच्ची के परिवार के लोगों का मानना है कि बच्ची पर बाघ ने हमला किया था. जैसे ही बच्चे की रोने की आवाज़ आई तो घर से बाहर निकलकर लोग दौड़े. तबतक बच्चे को वह जंगल की ओर लेकर निकल गया था. खोजबीन करने के बाद बच्ची को खेत में देखा गया जब वहां गए तब बच्ची को किसी तरह से उसके चंगुल से छुड़ाया गया.
सरयू राय ने सदन में उठाया मुद्दा
इस मामले को जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने सदन में उठाया. वहीं, सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि तेंदुआ को पकड़ने के लिए अधिकारियों के द्वारा कौन सी प्रक्रिया को अपनाई जा रही है. तेंदुआ और बाघ अगर लोगों को खा रहे हैं तो पानी पीने कहां जाते हैं. पानी के पास तेंदुए के पैर का निशान है या नहीं. वाइल्ड लाइफ का ट्रेनिंग लिए हुए आधिकारियों की ही पोस्टिंग होनी चाहिए. पलामू कोई भी जा रहा है या न्यू ईयर में जो भी घूमने जानें वाले हैं तो इसपर उन्हें ध्यान देने की आवश्यकता है.