गढ़वा (GARHWA): देशभर में एसआईआर की सुगबुगाहट के बीच झारखंड के गढ़वा जिले में सरकारी व्यवस्था को हिला देने वाला बड़ा मामला सामने आया है. जिले के धुरकी प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक साल के भीतर बड़े स्तर पर जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से जारी किए जाने का खुलासा हुआ है.
जांच में पता चला है कि पिछले एक वर्ष में स्वास्थ्य केंद्र से कुल 11,000 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिनमें से 9,000 जन्म प्रमाण पत्र फर्जी हैं. एक ही प्रखंड में हजारों फर्जी प्रमाण पत्र जारी होना किसी बड़े खेल की ओर इशारा करता है. मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी एंगल से जांच में जुट गई है.
तीन घंटे चली जांच, रिकॉर्ड खंगाले गए
लगातार खबरें आने के बाद गढ़वा के सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ. केनेडी, एसडीएम बंशीधर नगर प्रभाकर मिर्धा, धुरकी सीओ बिमल कुमार सिंह और सीएचसी प्रभारी डॉ. रत्नेश कुमार जांच के लिए धुरकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे.
अधिकारियों की टीम करीब तीन घंटे तक अस्पताल में मौजूद रही और जन्म प्रमाण पत्र जारी करने से जुड़े सभी रिकॉर्ड, रजिस्टर, ऑनलाइन डेटा और कंप्यूटर सिस्टम की जांच की.
जांच के बाद एसडीएम प्रभाकर मिर्धा ने मीडिया से कहा कि बड़ी संख्या में जारी किए गए प्रमाण पत्रों की वास्तविकता और पात्रता की बारीकी से जांच की जा रही है. अगर किसी भी तरह की अनियमितता या फर्जीवाड़ा साबित होता है, तो इसमें शामिल सभी लोगों पर कठोर कार्रवाई होगी.
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन दस्तावेजों की हेरा-फेरी और सरकारी व्यवस्था के दुरुपयोग को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा. एसडीएम ने बताया कि टीम ने सभी डिजिटल और भौतिक रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है ताकि जांच में किसी प्रकार की बाधा न आए. आवश्यकता पड़ने पर आईटी विशेषज्ञों की मदद से सिस्टम का फॉरेंसिक परीक्षण भी कराया जाएगा.
सिविल सर्जन ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य जनविश्वास बनाए रखना है और सुनिश्चित करना है कि जन्म प्रमाण पत्र जैसी संवेदनशील सरकारी सेवा पारदर्शिता के साथ संचालित हो. फर्जी प्रमाण पत्र मामले की जांच अब उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है और आगे की रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है.
रिपोर्ट: धर्मेंद्र कुमार
