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मंईयां योजना: बोकारो का फर्जीवाड़ा कैसे तीन राज्यों झारखंड, बंगाल और बिहार से जुड़ गया, पढ़िए इस रिपोर्ट में

मंईयां योजना: बोकारो का फर्जीवाड़ा कैसे तीन राज्यों झारखंड, बंगाल और बिहार से जुड़ गया, पढ़िए इस रिपोर्ट में

धनबाद(DHANBAD): झारखंड के बोकारो में हेमंत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मंईयां  सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद सभी ज़िलों के अधिकारी सजग हो गए है. फिलहाल डीसी की सजगता से राशि तो उनके खाते  में नहीं पहुंच पाई है ,लेकिन इसमें किसी बड़े फर्जीवाड़े गैंग की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है.  बोकारो की डीसी ने जब जांच शुरू कराई तो यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया.  बंगाल का रहने वाला युसूफ फर्जी राशन कार्ड सहित अन्य कागजात से 95 बार  सम्मान योजना के लिए आवेदन किया है.  तो बंगाल की रहने वाली सुफनी  खातून ने 94 बार फॉर्म भरा है.  हर आवेदन में एक ही बैंक खाता का जिक्र है.  

आवेदन  पलामू और  किशनगंज  से किए गए है

आवेदन झारखंड के पलामू और बिहार के किशनगंज के कॉमन सर्विस सेंटर से किए गए है. बोकारो  उपायुक्त ने जब सामाजिक सुरक्षा विभाग से लाभुकों का भौतिक सत्यापन कराना  शुरू किया, तो यह सब खुलासे हुए है.   29 जनवरी को युसूफ द्वारा  95 बार आवेदन का खुलासा हुआ तो 30 जनवरी को 94 बार एक ही महिला के द्वारा आवेदन का पता चला.   वैसे भी मंईयां सम्मान योजना के आवेदनों को लेकर शुरू से ही कई तरह के विवाद सामने आते रहे हैं लेकिन अब जांच में, सब बातें सामने आने लगी है.  बता दे कि बोकारो में बुधवार के दूसरे दिन गुरुवार को भी  झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना  के भौतिक सत्यापन में  चौंकाने वाला मामला सामने आया .  

बोकारो डीसी के आदेश पर हो रही थी जाँच 

उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा योजना के लाभुकों का भौतिक सत्यापन के क्रम में एक ही बैंक खाता का नंबर दर्ज कर अलग – अलग नाम से अलग – अलग प्रखंडों (49 बार चंदनकियारी, 20 बार कसमार, 12 बार बेरमो, 07 बार गोमिया, 02 -02 बार चास/नावाडीह एवं 1-1 बार चास नगर निगम/चंद्रपुरा प्रखंड ) से कुल 94 बार आवेदन किया गया है.  जांच क्रम में यह पता चला है कि बैंक खाता इंडसइंड बैंक से संबंधित है.  यह सभी आवेदन राज्य के पलामू जिले एवं बिहार राज्य के किशनगंज  स्थित सीएससी संचालक द्वारा किया गया है.  कुल तीन कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) द्वारा इन आवेदनों को अलग – अलग नाम से किया गया है, जिनका सीएससी आइडी क्रमशः 243621130028 (आपरेटर, वीएलई नाम – विक्कु कुमार रवि, पैरेंट आइडी नाम – उपेंद्र प्रसाद, मोबाइल सं. – 8873482243 – जिला पलामू), 542316220013 (मास्टर, वीएलई नाम – सुमित कुमार, पैरेंट आइडी नाम – सुमित कुमार, मोबाइल सं. – 9122397271 – जिला पलामू) एवं 423664770011 (मास्टर, वीएलई नाम – फरयाद आलम, पैरेंट आइडी नाम – फरयाद आलम, जिला – किसनगंज, बिहार) है. 

बंगाल के युसूफ के बाद पकड़ाया सुफनी  खातून  का फर्जीवाड़ा 

 सत्यापन क्रम में यह स्पष्ट हुआ है कि बैंक खाता संख्या 100253493007, जिसके खाता धारक का नाम सुफनी खातुन है, पता – मोतिविट्टा, कांटी, झारगांव, उत्तर दिनाजपुर, राज्य- पश्चिम बंगाल है.  इस खाता का इस्तेमाल कुल 94 बार अलग – अलग नाम से योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया गया है.  इस दौरान दर्ज राशन कार्ड का संख्या भी फर्जी अंकित है. बोकारो  जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने जांच के क्रम में इसकी पुष्टि  की है.  वहीं, सभी नामों के उप नाम में मुर्मू, हांसदा, मंडल शब्द जोड़ा गया है.  31 अक्टूबर एवं 01 नवंबर 2024 को एक ही साथ कई बार आवेदन किये गए है.  

अब खाता धारको पर होगी एफआईआर 

उपायुक्त ने खाता धारक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. स्वीकृति के क्रम में कई आवेदनों को बीडीओ/सीओ स्तर से स्वीकृत भी किया गया है.  लेकिन, उपायुक्त के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा द्वारा एक से ज्यादा बार इंट्री एक ही खाता का संविक्षा के बाद राशि हस्तांतरित करने की स्वीकृति पर रोक लगाएं जाने के कारण राशि का हस्तांतरण खातों में नहीं किया गया. उधर, झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान जना(जेएमएमएसवाई) सत्यापन क्रम में जिले में ऐसे कुल 11,200 डुप्लीकेट आवेदन प्राप्त हुए है.  जिसका पुनः एक बार आंगनबाड़ी कर्मियों से भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है.   उल्लेखनीय है कि  बुधवार को भी सत्यापन के क्रम में 95 बार एक ही बैंक खाता नंबर दर्ज कर अलग – अलग नाम से आवेदन करने का मामला प्रकाश में आया था.  जिसमें बैंक खाता संख्या 100253387047, जिसके खाता धारक का नाम यूसुफ है, पता - पतागोड़ा, बड़ाखांती, उत्तर दिनाजपुर, राज्य- पश्चिम बंगाल था.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो 

Published at:31 Jan 2025 02:16 PM (IST)
Tags:DhanbadBokaroMaiya YojnaBangalBiharMainiyaan Schemeमंईयां  सम्मान योजनाहेमंत सरकार
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