रांची(RANCHI): अब तक आपने टोल प्लाजा पर राजनेताओं और अपराधियों के द्वारा बवाल मचाने की कई कहानियां सुनी होगी. लेकिन तब क्या कहा जाय, जब यही काम तप, त्याग और सदविचार का प्रवचन करने वाले महंत करने लगें. दबंगई की यह कहानी सामने आयी है चांडिल थाना क्षेत्र में NH- 33 पर बने टोल प्लाजा से.
टोलकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पिटाई का आरोप
बताया जा रहा है कि प्लाजा पर पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती के इशारे पर उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया. टोल कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. साथ ही सीसीटीवी को भी तोड़ डाला गया. समर्थकों का इस उग्र रुप को देखकर टोल कर्मियों ने किसी प्रकार भाग कर अपनी जान बचायी.
बगैर नंबर प्लेट वाली नयी ग्रैंड विटारा कार से वीवीआइपी लेन से पार करने की जिद्द
दावा किया जा रहा है कि महंत विद्यानंद सरस्वती बगैर नंबर-प्लेट वाली नयी ग्रैंड विटारा कार से डाउन वीवीआइपी लेन से पार करने की कोशिश कर रहे थें. इस दौरान टोल कर्मियों ने महंत की गाड़ी को रोक दी. टोल कर्मियों के द्वारा गाड़ी रोकते ही महंत विद्यानंद सरस्वती के चालक ने बदसलूकी शुरु कर दी. जिसका विरोध टोलकर्मियों के द्वारा किया गया, टोल कर्मियों का यह विरोध महंत विद्यानंद सरस्वती को अपमानजनक लगा और तत्काल उनके द्वारा इसकी सूचना अपने शिष्यों को दी गयी.
खबर मिलते ही जुट गयी महंत के समर्थकों की भीड़
देखते ही देखते उनके समर्थक और शिष्यों की भीड़ जुटने लगी, चारों तरफ तांडव मचने लगा. तोड़फोड़ और कर्मियों से मारपीट की शुरुआत हो गयी, कर्मी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे और यह सब कुछ महंत विद्यानंद सरस्वती की उपस्थिति में हुआ.
दो दलों के पदाधिकारी भी महंत के साथ बवाल करते नजर आये
प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि कुछ ही देर के झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य पप्पू वर्मा, भारतीय जनता युवा मोर्चा सरायकेला के आकाश महतो भी पहुंचे और उनके द्वारा महंत के समर्थन में तोड़-फोड़ किया गया.
सूचना मिलते ही चांडिल थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंचे
मामले की जानकारी किसी प्रकार चांडिल थाना तक पहुंची, जिसके बाद चांडिल थाना प्रभारी अजीत कुमार पूरे दलबल के साथ टोल प्लाजा पहुंचे, लेकिन महंत के समर्थकों की भीड़ को देखकर पुलिस अपने को असहाय महसूस करने लगी. थानेदार के द्वारा मंहत और उनके समर्थकों से हिंसा रोकने की गुहार लगायी गयी. लेकिन महंत के रौद्र रुप से आगे थानेदार की एक नहीं चली और हिंसा बदस्तूर जारी रहा.
मामला बढ़ता देख एसडीपीओ संजय कुमार सिंह ने संभाला मोर्चा
मामला हाथ से बाहर जाता देखकर इसकी सूचना तत्काल एसडीपीओ संजय कुमार सिंह को दी गयी, इस बीच विधायक सविता महतो और झामुमो के केंद्रीय सदस्य क़ाबलू महतो भी मौके पर पहुंचे, सबने महंत से गुस्सा छोड़ने की अपील की, काफी मान मनौब्ल के बाद आखिरकार महंत वहां से जाने को तैयार हुए. अब तक इस मामले में पुलिस के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने की खबर नहीं है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार