दुमका(DUMKA): दुमका के 4 झारखण्ड गर्ल्स बटालियन एनसीसी की सेकेंड ऑफिसर लेफ्टिनेंट सुमिता सिंह को प्रतिष्ठित महानिदेशक एनसीसी पदक (डीजी एनसीसी कमेंडेशन मेडल) से सम्मानित किया गया है. यह मेडल उन्हें एएनओ के रूप में अपनी विशिष्ट उपलब्धियों और राष्ट्रीय कैडेट कोर को ईमानदारी, समर्पण और अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए स्वयं एनसीसी के सबसे बड़े अधिकारी महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीपाल सिंह ने एनसीसी के ग्रुप हेड्क्वार्टर हजारीबाग में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया.
बिहार-झारखण्ड डायरेक्टरेट की पहली एएनओ लेफ्टिनेंट सुमिता सिंह
लेफ्टिनेंट सुमिता सिंह एनसीसी के बिहार-झारखण्ड डायरेक्टरेट की पहली एएनओ हैं जिन्हें प्रतिष्ठित डीजी एनसीसी कमेंडेशन मेडल प्रदान किया गया है. इस दौरान एनसीसी के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीपाल सिंह ने एएनओ के रूप में लेफ्टिनेंट सुमिता सिंह के स्वयं के उपलब्धियों और उनके द्वारा आदिवासी छात्राओं को एनसीसी से जोड़ने और उनके प्रदर्शन को उंचाईयों तक ले जाने के लिए किये गये प्रयासों की सराहना की.
कर्नल ओमकार सिंह ने दी बधाई
हजारीबाग ग्रुप हेडक्वार्टर के कमांडर कर्नल ओमकार सिंह ने लेफ्टिनेंट सुमिता सिंह के वर्दी पर पदक लगा कर उन्हें बधाई दी और इसी समर्पण भाव से एनसीसी को प्रमोट करने की उनसे अपेक्षा जतायी. उन्होंने बताया कि सुमिता सिंह ऐसी अकेली एएनओ हैं जिनके नाम से लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में तीन नेशनल और एक वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल है. बिहार-झारखण्ड एनसीसी टीम में शामिल उनकी गर्ल्स कैडेट्स ने नई दिल्ली में आयोजित थल सैनिक कैम्प-2022 में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिससे वर्ष 2022 में बिहार-झारखण्ड एनसीसी को सीनियर विंग में दूसरा और जुनियर विंग में तीसरा स्थान मिला है.
लेफ्टिनेंट सुमिता सिंह के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज
लेफ्टिनेंट सुमिता सिंह ने कहा कि हजारीबाग ग्रुप हेडक्वार्टर के कमांडर कर्नल ओमकार सिंह के सतत मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से वह एनसीसी और उसके उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के काम में लगी हुई हैं. तीन नेशनल रिकॉर्डस के अलावा उन्होंने अपने पेट से टाटा 407 ट्रक पास करवा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है, जो लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है. उन्होंने बताया कि संथाल परगना के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से आनेवाली आदिवासी छात्राओं को एनसीसी से जोड़कर उन्हें प्रशिक्षण देने और उन्हें उंचाईयों तक पहुंचाना कठिन चुनौती रही है, जिसमें ग्रुप कमांडर कर्नल ओमकार सिंह का अहम योगदान रहा है.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका