रांची (TNP Desk) : झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से खूंटी सीट सबसे महत्वपूर्ण है. यह सीट तब से राजनीति केंद्र में आयी है जब से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर फतह हासिल करने के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोड़ लगा दिया है. दरअसल इसके पीछे का कारण ये है कि पिछले लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा किसी तरह जीत पाये थे. उन्होंने कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को मात्र 1445 वोटों से हराया था. इस बार वे खूंटी सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, जिसकी जानकारी आलाकमान को भी दे दी थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें फिर से खूंटी से ही उम्मीदवार बना दिया. इनके खिलाफ इस बार फिर कांग्रेस के कालीचरण मुंडा मैदान में खड़े हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस बार फिर मुकाबला कांटे का हो सकता है.
तीसरे स्थान पर रहा नोटा
बड़ी बात ये है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नोटा ने भी अहम भूमिका निभाई थी. करीब 21 हजार 245 मतदाताओं ने नोट के बटन को दबाया था. पिछले चुनाव में बीजेपी के अर्जुन मुंडा को 382,638 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस के कालीचरण को 381193 मत मिले थे. यानि नोटा भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरे स्थान पर काबिज था. यानि की जीत और हार के अंतर से काफी ज्यादा वोट नोटा को मिला था. जो अपने आप में काफी मायने रखता है. अगर ये वोट बीजेपी या कांग्रेस प्रत्याशी में शिफ्ट होता तो परिणाम कुछ और ही होता.
9 प्रत्याशियों पर भारी पड़ा था नोटा
2019 के चुनाव में खूंटी से 11 प्रत्याशी अपनी किस्मत अजमाने मैदान में उतरा था. लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच में था. लेकिन मतदान के दिन नोटा ने भी अहम भूमिका निभाया. चुनाव परिणाम के दिन नोटा नौ प्रत्याशियों पर भारी पड़ गया था. यानि कि नोटा को जितने वोट मिले उससे कम नौ प्रत्याशियों को मिला था. जिन उम्मीदवारों को कम वोट मिले उनमें निर्दलीय प्रत्याशी मीनाक्षी मुंडा को 10989 वोट, जेएचकेपी के अजय टोपनो को 8838 मत, बीएसपी की इंदुमति देवी को 7663 वोट, निर्दलीय प्रत्याशी सुखराम हेरेंज को 5255, नियारन हेरेंज को 4560, आरएसजीपी की सिविल कंडुलना को 3895, एचबीपी की अबिनाशी मुंडू को 2373, एएनपी के मुन्ना बड़ाईक को 1864 और बीएमएसएम के नील जस्टिन बैक को 1864 वोट मिले थे.
2024 में सात प्रत्याशी अजमा रहे किस्मत
इस बार खूंटी लोकसभा सीट से कुल सात उम्मीदवार अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में ही होगा. दोनों ही पार्टी अपने पुराने प्रत्याशी कालीचरण मुंडा और अर्जुन मुंडा पर दांव खेला है. वैसे झारखंड पार्टी ने अपर्णा हंस को मैदान में उतार कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. वहीं निर्दलीय उम्मीदवार बसंत कुमार लोंगा, बीएसपी की सावित्री देवी, भारत आदिवासी पार्टी की बबीता कच्छप और निर्दलीय प्रत्याशी संजय कुमार तिर्की भी मैदान में है, जो मुकाबले को और रोचक बना दिया है. बता दें कि इस बार खूंटी संसदीय सीट से 16 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन नौ प्रत्याशियों की छंटनी हो गई थी.