रांची (TNP Desk) : राजमहल से झारखंड मुक्ति मोर्चा के द्वारा प्रत्याशी घोषणा के बाद बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम ने बगावती तेवर अपना लिया है. उनके इस तेवर से ऐसा लगता है कि राजमहल में जेएमएम का संकट गहरा गया है. लोबिन हेंब्रम ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजमहल सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता चुनाव में क्या होगा, लेकिन मुझे राजमहल की जनता पर यकीन है और मैं जीत दर्ज करूंगा. उसके बाद भी मैं जेएमएम में ही रहूंगा. मैं पार्टी के खिलाफ नहीं हूं बस पार्टी में कुछ भ्रष्टाचारी लोग भरे हुए हैं इसलिए मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ रहा है.
राजमहल में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम के एलान से ऐसा लगता है कि इस बार राजमहल में त्रिकोणीय मुकाबले होंगे. दरअसल, भाजपा ने पहले ही ताला मरांडी को उम्मीदवार घोषित कर चुका है. वहीं झामुमो ने मंगलवार को विजय हांसदा को प्रत्याशी बनाया है. अब लोबिन हेंब्रम के एलान से राजमहल में मुकाबला दिलचस्प और कड़ा देखने को मिलेगा. अगर वे नामांकन दाखिल करते हैं तो विजय हांसदा की राहें आसान नहीं होगा. क्योंकि विजय हांसदा तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है.
कौन हैं कल्पना सोरेन : लोबिन हेंब्रम
बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने राजमहला लोकसभा से ऐसे प्रत्याशी को चुना है, जिसे वहां की जनता नहीं चाहती है. जब मैंने वहां के लोगों से बात किया तो सभी ने कहा कि विजय हांसदा ने कोई काम नहीं किया है. विजय हांसदा की स्थिति ठीक नहीं है. मैं बात करने वाला था कि इसबार विजय हांसदा को टिकट न दें उससे पहले ही उम्मीदवार की घोषणा कर दी. मुझे सभी लोग बोलते हैं कि कल्पना सोरेन से बात करें लेकिन मैं ये कहना चाहता हूं कि कल्पना सोरेन कौन हैं. मैं उनसे क्यों बात करूं. अगर मुझे बसंत सोरेन से बात करने को बोला जाता तो मैं करता.
लोबिन के तेवर से संकट में झामुमो
अब लोबिन हेंब्रम के आक्रमक तेवर से झामुमो संकट में आ गया है. बताया जाता है कि जेएमएम डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है. अगर बात नहीं बनी तो आने वाले लोकसभा चुनाव में राजमहल से विजय हांसदा के लिए राहे कठिन हो जायेगी. झामुमो को ये भी डर सता रहा है कि अगर लोबिन हेंब्रम को मनाने में सफल नहीं हुए तो वोट बैंक छिंटक भी सकता है, जिसका फायदा बीजेपी को मिल जायेगा. बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद विजय हांसदा ने यह सीट फतह हासिल की थी. इसलिए पार्टी ने उन्हें तीसरी बार टिकट दिया है.
मतदाता और सामाजिक तानाबना
2019 के डाटा के मुताबिक राजमहल लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख 10 लाख 47 हजार 657 है. कुल आबादी की बात करें तो यहां की आबादी 22 लाख 96 हजार 597 है. यहां की लगभग 90 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, वहीं 10 प्रतिशत आबादी शहर में बसा हुआ है. जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर एससी समुदाय की आबादी 4.67 प्रतिशत है और एसटी समुदाय की आबादी करीब 37 प्रतिशत है. इस क्षेत्र में बेरोजगारी, किसानों की समस्या, महंगाई, भ्रष्टाचार मुख्य समस्या है. अब देखना होगा कि आने वाले चुनाव में लोबिन हेंब्रम की एंट्री से किसे फायदा मिलेगा. झामुमो प्रत्याशी विजय हांसदा और भाजपा उम्मीदवार ताला मरांडी में जीत का सेहरा कौन बांधता है.