धनबाद(DHANBAD): गिरिडीह लोकसभा 2024 के चुनाव में धनबाद लोकसभा पर भारी पड़ गया है. गिरिडीह ने धनबाद पर गजब का "प्यार" लुटाया है. धनबाद लोकसभा से भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से आते है. भाजपा प्रत्याशी विधायक ढुल्लू महतो बाघमारा से विधायक है. यह गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है. इसी प्रकार कांग्रेस ने अनुपमा सिंह को प्रत्याशी बनाया है. अनुपमा सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे राजेंद्र सिंह की बहू और बेरमो विधायक अनूप सिंह की पत्नी है. वह अभी बेरमो विधानसभा क्षेत्र में रहती है. यह विधानसभा भी गिरीडीह में आता है. धनबाद लोकसभा के किसी भी प्रत्याशी को दरकिनार कर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों को चुना है. ढुल्लू महतो तो बाघमारा से विधायक रहते आए हैं लेकिन इस बार तीन बार के सांसद रहे पशुपतिनाथ सिंह का टिकट काटकर भाजपा ने ढुल्लू महतो को उम्मीदवार बनाया है. ढुल्लू महतो भी कोयला मजदूरों की यूनियन से जुड़े हुए हैं और अनुपमा सिंह के पति विधायक अनूप सिंह भी मजदूर संगठन से जुड़े हुए है.
भाजपा और कांग्रेस दोनों से गिरिडीह से उम्मीदवार चुना
यह अलग बात है कि दोनों का कार्य क्षेत्र धनबाद लोकसभा का कोई भी विधानसभा क्षेत्र नहीं रहा है. दावा चाहे कोई कुछ भी कर ले, लेकिन दोनों गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से आते है. ऐसे में धनबाद लोकसभा के उम्मीदवारों में इस बात को लेकर रिएक्शन है. पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं का कहना है कि 5 साल तक वह लोग झंडा ढोते है और जब उम्मीदवार बनाने की बारी आती है तो बाहरी को चुन लिया जाता है. यह अलग बात है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशियों को भितरघातियों को साधना होगा. पशुपतिनाथ सिंह का टिकट कटने से एक तबका भीतर -भीतर नाराज है. इसी तरह अनुपमा सिंह के उम्मीदवारी को लेकर भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिख रही है. यह अलग बात है कि बुधवार को ही अनुपमा सिंह टिकट लेकर दिल्ली से धनबाद पहुंची और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की और आशीर्वाद माँगा. विधायक ढुल्लू महतो भी पशुपतिनाथ सिंह से मिलकर आशीर्वाद ले चुके है. 1991 से लेकर (सिर्फ 2004 को छोड़कर) धनबाद लोकसभा से भाजपा की जीत होती रही है.
2004 में कांग्रेस के टिकट पर ददई दुबे जीते थे
2004 में कांग्रेस के टिकट पर ददई दुबे, रीता वर्मा को हराकर चुनाव जीते थे. 2009 में रीता वर्मा का टिकट काटकर पशुपतिनाथ सिंह को टिकट दे दिया गया था. पशुपतिनाथ सिंह उस समय धनबाद के विधायक थे. 2009, 2014 और 2019 में पशुपतिनाथ सिंह ने भाजपा को जीत दिलाई. लेकिन बढ़नी उम्र के कारण इस बार पार्टी ने विधायक ढुल्लू महतो को उम्मीदवार बनाया है. वैसे प्रत्याशियों को लेकर धनबाद के मतदाता मिश्रित प्रतिक्रियाएं दे रहे है. कह रहे हैं कि बैठक, सर्वे, रायशुमारी का अब किसी भी दल में कोई माने मतलब नहीं रह गया है. विधायक ढुल्लू महतो भी कई ताकतवर लोगों को पछाड़कर टिकट हासिल करने में सफल रहे तो अनुपमा सिंह भी लाइन में लगे कई मजबूत उम्मीदवारों को लांघकर टिकट पाने में सफल रही है. वोटिंग के पहले तक कई तरह के समीकरण बनेंगे और बिगड़ेंगे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो