दुमका(DUMKA):लोकसभा चुनाव चल रहा है.7वें और अंतिम चरण में संथाल परगना प्रमंडल के दुमका, गोड्डा और राजमहल लोक सभा सीट पर 1 जून को मतदान होगा. प्रमंडल की राजनीतिक तपिश काफी बढ़ गयी है. नेताजी का तूफानी जनसंपर्क के साथ साथ जगह जगह सभाएं हो रही है. एक दूसरे पर शब्दवाण चलाए जा रहे हैं. इस सबके बीच 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमंडलीय मुख्यालय दुमका में जनसभा को संबोधित करेंगे.सवाल उठता है कि पीएम का कार्यक्रम दुमका में ही क्यों निर्धारित किया गया? क्या पीएम के दौरे से संथाल परगना प्रमंडल के तीनों सीट पर खिला पाएगा कमल या फिर झामुमो करेगी वापसी?
28 मई को दुमका में दहाड़ेंगे पीएम मोदी
संथाल परगना प्रमंडल के 3 सीट को देखें तो वर्तमान में दुमका और गोड्डा पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि राजमहल सीट झमुमो के कब्जे में है. वर्ष 2014 के चुनाव में गोड्डा सीट बीजेपी के कब्जे में रहा तो मोदी लहर के बाबजूद राजमहल और दुमका सीट पर झामुमो का दबदबा रहा. वर्ष 2019 में बीजेपी ने दुमका सीट पर झामुमो सुप्रीमो शीबू सोरेन को पराजित कर कब्जा जमाया.सुनील सोरेन सांसद चुने गए.
बीजेपी संथाल परगना प्रमंडल के तीनों सीटों पर कमल खिलाने की तैयारी में है
वर्ष 2024 के चुनाव में बीजेपी संथाल परगना प्रमंडल के तीनों सीट पर कमल खिलाने के लिए प्रयासरत है. इसके लिए दुमका सीट पर अभिनव प्रयोग किया गया. सुनील सोरेन को टिकट देकर वापस लिया गया और झमुमो छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाली सीता सोरेन को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया गया.चुनाव को लेकर लगातार पीएम का झारखंड दौरा हो रहा है.अंतिम चरण के चुनाव के लिए पीएम का दौरा आखिरकार दुमका में निर्धारित किया गया.पहले पाकुड़ में सभा होने की संभावना थी.28 मई को पीएम दुमका हवाई पट्टी में जनसभा को संबोधित करेंगे.
संथाल परगना प्रमंडल के 3 सीट पर कब किस दल का रहा दबदबा
संथाल परगना के तीनों सीट पर कांटे की टक्कर है.गोड्डा सीट से जीत का चौका लगाने के लिए बीजेपी प्रत्याशी निशिकांत दुबे को जमकर पसीना बहाना पड़ रहा है. इंडी गठबंधन के प्रत्याशी प्रदीप यादव ने बाहरी भीतरी और अगड़ी पिछड़ी की हवा देकर मुकाबला को रोचक बना दिया है.राजमहल सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने के लिए झामुमो प्रत्याशी बिजय हांसदा को भी जमकर पसीना बहाना पड़ रहा है.वैसे तो मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी ताला मरांडी और झामुमो प्रत्याशी बिजय हांसदा के बीच होने की संभावना है, लेकिन झामुमो के बागी विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने निर्दलीय चुनाव मैदान में कूदकर मुकाबला को रोचक बना दिया है.
केंद्रीय नेतृत्व को अपना फैसला सच साबित करने की चुनौती तो प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के लिए है अग्निपरीक्षा
बीजेपी ने जिस तरह दुमका सीट पर प्रयोग करते हुए सुनील सोरेन की जगह सीता सोरेन को प्रत्याशी बनाया है उसको लेकर यह सीट काफी अहम हो गया है. केंद्रीय नेतृत्व को अपने इस फैसले को सच साबित करने की चुनौती है, तो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं. दुमका बाबूलाल की कर्मस्थली रही है और वे यहां से सांसद भी रह चुके हैं.यह चुनाव बाबूलाल के समक्ष संथाल का सर्वमान्य नेता बनने का मार्ग प्रसस्त करेगा. वहीं झामुमो गुरुजी की हार का बदला लेकर इस सीट को वापस पाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहा है. वैसे भी झामुमो प्रत्याशी नलीन सोरेन ने कहा है कि यह सीट जीत कर गुरुजी को भेंट करना है.
संथाल समाज के लिए दिसोम गुरु शिबू सोरेन का चेहरा और धनुष बाण है खास
लेकिन सवाल उठता कि पीएम के दुमका दौरा से बीजेपी को कितना फायदा होगा? चुनाव के पहले पीएम नरेंद्र मोदी का दुमका दौरा होता रहा है. इसके बाबजूद 2014 में एक तो 2019 में 2 सीट पर ही कमल खिल पाया.उसमें भी तब जबकि 2014 से 2019 तक डबल इंजन की सरकार थी और सीएम के रूप में रघुवर दास तो पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी ने संथाल परगना प्रमंडल को कई सौगातें दी.प्रमंडल में संथाल समाज का वोट निर्णायक माना जाता है और संथाल समाज के लिए धनुष बाण से विशेष लगाव होता है, जो झमुमो का चुनाव चिन्ह है.दुसरी तरह इस समाज के लोगों में दिसोम गुरु का जलवा आज भी कायम है. अभी तक गुरु जी संथाल परगना में चुनाव प्रचार से दूर हैं लेकिन संभावना है कि अंतिम समय में वे यहां कैम्प करें. वहीं कथित जमीन घोटाला मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाने भी चुनावी मुद्दा है.इस मुद्दे को भाजपा और झमुमो दोनों भुनाने के प्रयास में है.
बीजेपी के लिए पीएम मोदी का दौरा है अहम
इन चुनौतियों के बाबजूद पीएम नरेंद्र मोदी का दौरा बीजेपी के लिए काफी अहम है. इस दौरे से बीजेपी संथाल समाज में कितना सेंधमारी कर पाता है यह तो 4 जून को पता चलेगा लेकिन इतना तय है कि संथाल परगना प्रमंडल के तीनों सीट पर मुकाबला रोचक होने वाला है.
रिपोर्ट-पंचम झा