धनबाद(DHANBAD): धनबाद लोकसभा सीट पर उम्मीदवारों की तस्वीर लगभग साफ हो गई है. नामांकन वापस लेने की तिथि के बाद और साफ हो जाएगी. गिरिडीह में भी नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. संथाल परगना की तीन सीटों के लिए आज अधिसूचना जारी होते ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह अलग बात है कि नाम वापसी के बाद ही यहाँ भी संभावित प्रत्याशियों की तस्वीर साफ होगी. लेकिन कोयलांचल हो या संथाल परगना, इस बार उम्मीदवारों को प्रतिद्वंदियों से अधिक अपने लोगों से डर है. यह डर कितना असर कारक होगा या निर्मूल साबित होगा, इसका पता तो 4 जून को ही चलेगा. वैसे जो चर्चा है उसके अनुसार नाराज लोगों की संख्या कहीं भी कम नहीं है. संथाल परगना की तीन सीटों पर भी चुनाव रोचक मोड़ पर है. यहाँ भी सबो को पराये से अधिक अपनों से डर है. संथाल परगना का राजमहल सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए सर्वाधिक सुरक्षित सीटों में से राजमहल एक है.
राजमहल झामुमो के लिए बनेगा परेशानी का कारण
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सिटिंग एमपी विजय हांसदा को फिर से प्रत्याशी बनाया है. लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा के ही वरिष्ठ नेता और विधायक लोबिन हेंब्रम आज निर्दलीय राजमहल से नामांकन करने जा रहे है. अगर लोबिन हेंब्रम मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतरते हैं, तो झारखंड मुक्ति मोर्चा को परेशानी हो सकती है. भाजपा ने यहां ताला मरांडी को टिकट दिया है. गोड्डा लोकसभा सीट की बात की जाए तो भाजपा के लिए सेफ सीट मानी जाती है. भाजपा ने तीन बार के सांसद निशिकांत दुबे पर ही भरोसा किया है. वैसे संथाल परगना में पुराने भाजपाई और पूर्व मंत्री राज पालीवाल की नाराजगी भी चर्चा में है. राज पालीवाल को मधुपुर विधानसभा सीट से भी टिकट नहीं मिला था. कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव को भी अपनों से खतरा कम नहीं है. यहां दीपिका सिंह पांडे के नाम की घोषणा के बाद प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. दुमका सीट तो हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार है ही. पहली बार दुमका सीट पर भाजपा ने शिबू सोरेन के परिवार में सेंधमारी की है. बड़ी बहू सीता सोरेन को अपने पाले में कर भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है.
दुमका की चुनौती कोई कम नहीं
दुमका से भाजपा के निवर्तमान सांसद सुनील सोरेन का पहला नाम की घोषणा हुई. फिर उनका टिकट काटकर सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया गया. सुनील सोरेन को उम्मीदवार घोषित करने के बाद उनकी जगह सीता सोरेन को प्रत्याशी बनाने से सुनील सोरेन में नाराजगी जग जाहिर है. इस लड़ाई में भाजपा का यह प्रयोग कितना सही साबित होगा ,यह आने वाला वक्त ही बताएगा. वैसे गिरिडीह लोकसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा से विधायक मथुरा महतो और सिटींग एमपी चंद्र प्रकाश चौधरी ने नामांकन दाखिल कर दिया है. गिरिडीह में खतियानी नेता जयराम महतो भी परेशानी के कारण दोनों उम्मीदवारों के लिए बन सकते है. भाजपा के पूर्व सांसद रविंद्र पांडे की नाराजगी भी परेशानी का कारण बन सकती है. वैसे धनबाद लोकसभा में भी भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को भितरघात का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो