धनबाद(DHANBAD) | बिहार की काराकाट संसदीय सीट की चर्चा जितनी पटना से लेकर दिल्ली तक है, उससे कहीं कम चर्चा धनबाद में नहीं है. धनबाद में चर्चा होने का मुख्य वजह है कि भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है. उनके सामने एनडीए से उपेंद्र कुशवाहा तो महागठबंधन की ओर से राजा राम सिंह मैदान में है. पवन सिंह के यहां निर्दलीय मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है. पवन सिंह को भाजपा ने पहले धनबाद से सटे आसनसोल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी. पवन सिंह इसके लिए तैयार भी हो गए थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने आसनसोल से उम्मीदवारी से इनकार कर दिया और कहते रहे कि चुनाव तो लड़ेंगे लेकिन समय पर इसका ऐलान करेंगे. फिर उन्होंने बिहार के काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. अब तो वह चुनाव प्रचार मर भी ताकत झोंक दी है. पवन सिंह के चुनाव लड़ने से उपेंद्र कुशवाहा की कठिनाई बढ़ गई है. अब तक पवन सिंह पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहे है.
भाजपा कर रही मना लेने की कोशिश
यह अलग बात है कि भाजपा की ओर से उन्हें मना लेने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इसमें कितनी सफलता मिलेगी, वह वक्त पर निर्भर करेगा. इधर पता चला है कि पवन सिंह के खिलाफ पांच जगह पर एफआईआर दर्ज हुई है. उनके खिलाफ रोड शो के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लगे है. पवन सिंह आसनसोल लोकसभा से चुनाव क्यों नहीं लड़ा ,इसके बारे में वह कुछ स्पष्ट नहीं बताते. धनबाद को मिनी बिहार भी कहा जाता है और धनबाद में पवन सिंह का आना-जाना लगा रहता है. उस इलाके के लोग भी यहां रहते है.
धनबाद से सटे पश्चिम बंगाल में भी तीन बिहारी लड़ रहे चुनाव
वैसे धनबाद से सटे पश्चिम बंगाल के आसनसोल और बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा सीट से तीन बिहारी चुनाव लड़ रहे है. आसनसोल लोकसभा सीट से तो दो बिहारी आमने-सामने है. बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो एसएस अहलूवालिया भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है. दोनों बिहार मूल के रहने वाले है. इसी तरह बर्दवान दुर्गापुर सीट पर दरभंगा से सांसद रहे कीर्ति आजाद किस्मत अजमा रहे है. हिंदी भाषा-भाषी की बहुतायत के कारण ही यहां पर तृणमूल कांग्रेस ने बिहारी पर भरोसा किया है तो आसनसोल में भाजपा ने भी एक बिहारी पर ही भरोसा किया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो