चाईबासा(CHAIBASA): रामतीर्थ रामेश्वर मंदिर पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर प्रखंड अंतर्गत रामतीर्थ स्थल है.यहां भगवान राम सीता लक्ष्मण 14 वर्ष वनवास के दौरान रामतीर्थ में कुछ समय विश्राम किया था. उस दौरान प्रभु राम ने शिवलिंग स्थापित कर पूजा अर्चना कर अपने गंतव्य पथ पर चले गए थे. तभी इस वैतरणी नदी किनारे स्थान का नाम रामतीर्थ पड़ा. यहाँ शिवलिंग रामेश्वर मंदिर रामतीर्थ के नाम से विख्यात हुआ और हर वर्ष यहां हजारों श्रद्धालु रामतीर्थ पहुंचते हैं, और पूजा अर्चना कर दर्शन करते हैं.रामतीर्थ एक धार्मिक के साथ ऐतिहासिक स्थल भी है. लोगों का विश्वास है कि भगवान राम वनवास के दौरान कुछ समय बैतरणी किनारे विश्राम किए थे. यहां उनके पद चिन्ह और खड़ाऊं भी पाए गए थे. राम के पद चिन्हों को आज भी भक्तों ने मंदिर परिसर में लाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं
यहां पर मकर संक्रांति का बहुत ही बड़ा मेला पर्व रामतीर्थ में 14 जनवरी को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. श्रद्धालु जन सुबह से पवित्र वैतरणी नदी रामतीर्थ में स्नान करने पहुंचते हैं. रामतीर्थ मे एक ही स्थान पर चार मन्दिर हैं. रामेश्वर शिव मन्दिर,रामेश्वर शिव मंदिर, सीताराम मन्दिर और भगवान जगन्नाथ मन्दिर और बजरंग बली मंदिर.इसका इतिहास रामतीर्थ के रामेश्वर मंदिर की स्थापना 1910 में हुई थी.
बताया जाता है कि भगवान राम जब 14 वर्ष वनवास के दौरान इसी वैतरणी नदी मार्ग से होकर गुजरे थे कुछ समय प्रभु राम, सीता भाई लक्ष्मण के साथ अपने गंतव्य मार्ग पर चले गए राम के द्वारा स्थापित की गई. शिवलिंग का नाम रामेश्वर पड़ा तब से कई वर्षों के बाद देव गांव के देवरी को स्वप्न हुआ इसके बाद यहां शिवलिंग को स्थापित कर आज भी लोग पूजा अर्चना कर रहे हैं.
यहां देवगांव गांव की मंदिर कमेटी की ओर से मंदिर को विशाल रूप देखकर सुंदरीकरण किया गया है और इसकी देखरेख मंदिर कमेटी के द्वारा किया जा रहा है यहां रामतीर्थ में स्थित रामेश्वर शिव मंदिर काफी प्राचीन अपने आप में अद्भुत है प्रत्येक सोमवार को यहां पूजा अर्चना की जाती है यहां पर पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है. अन्य मंदिरों की तुलना में राम तीर्थ मंदिर का अलग ही पहचान है या सावन महाशिवरात्रि और मकर मेला, कार्तिक पूर्णिमा में भव्य रुप से सज धज के तैयारियां मंदिर कमेटी के द्वारा की जाती है. जहाँ धार्मिक स्थल को देखते हुए आज भी लोग झारखंड, ओड़िशा, मयूरभंज, सुंदरगढ़ सहित दूर दूर से श्रद्धालु गण यहाँ तीर्थ में आते हैं.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा