धनबाद(DHANBAD): धनबाद की इस महिला की किस्मत देखिए ! कहानी पूरी तरह से फिल्मी है, लेकिन है बिल्कुल सच्ची. धनबाद की भूली की रहने वाली धनवातो देवी के पति गंगा सागर यादव लगभग 33 साल पहले घर छोड़कर कहीं चला गया . पति गंगा सागर यादव मिला तो भी तो कुंभ मेला में ,लेकिन पहचानने से इनकार कर दिया. कुंभ मेला पहुंची धनवातो देवी ने देखा कि 33 साल पहले, जो पति घर छोड़कर चला गया था. वह कुंभ मेला में अघोरी बनाकर पीपल पेड़ के नीचे धुनि जमाए बैठा है. लोगों को भभूत लगाकर आशीर्वाद दे रहा है.
घर छोड़ते वक्त गर्भ में पल रहा बच्चा अब तीस साल का हो गया है
पति के घर छोड़ने के वक्त धनवातो के गर्भ में पलने वाला बच्चा अब 30 वर्ष का हो गया है. मां के साथ वह भी कुंभ गया था. उसने भी पिता से घर लौटने का अनुरोध किया. लेकिन अघोरी बन चुके गंगासागर वापस लौटने से इनकार कर दिया. पति और बेटों की आंखों के आंसू भी उसपर कोई प्रभाव नहीं डाल सके. भूली ए ब्लॉक रेलवे हाल्ट के समीप रहने वाली धनवातो ने बताया कि करीब 35 वर्ष पहले गंगासागर यादव के साथ उसकी शादी हुई थी. जिंदगी हंसी खुशी गुजर रही थी. 2 साल का बेटा कमलेश था और एक बेटा विमलेश उस वक्त गर्भ में था.
1992 में गंगासागर यादव अचानक एक दिन घर छोड़कर निकल गए
1992 में गंगासागर यादव अचानक एक दिन घर छोड़कर निकल गए. उन्हें बहुत ढूंढा गया. लेकिन नहीं मिले. रिश्तेदारों को भी उनकी खबर नहीं थी. पिछले 33 वर्षों से अपने पति के लौटने का इंतजार वह कर रही थी. दरअसल, गंगासागर के भाई और एक भतीजा कुंभ स्नान करने गए हुए थे. उन लोगों ने वहां गंगासागर यादव को अघोरी की हालत में देखा. कुंभ मेला के चार नंबर गेट पर पीपल के पेड़ के नीचे वह धुनि जमाए बैठा था . भतीजे ने गंगासागर यादव की तस्वीर मोबाइल से खींचकर परिजनों को भेजा. फोटो देखते ही सभी ने उन्हें पहचान लिया. फोटो देखते के बाद गंगासागर का छोटा बेटा विमलेश 22 जनवरी को अपनी मां को लेकर कुंभ पंहुचा. गंगासागर को देखकर घर वाले पहचान गए. लेकिन उसके साथ रहने वाली एक महिला अघोरी काली माई मिलने नहीं दे रही थी.
धनबाद से कुल 10 परिजन कुंभ गए थे गंगासागर यादव को लाने के लिए
धनबाद से कुल 10 परिजन कुंभ गए थे गंगासागर यादव को लाने के लिए ,लेकिन असफल रहे. : कुंभ पहुंचने पर गंगासागर यादव के परिजनों ने देखा कि उसका एक दोस्त भी उसके साथ घर छोड़कर गया था. वह भी वहां उनका शिष्य बनकर रह रहा है. वह भी पहचानने से इनकार कर रहा था. घर वालों के लाख कोशिश की पर गंगा सागर यादव का दिल नहीं पसीजा. तब परिजनों ने परिचित एक पुलिस अधिकारी एवं मीडिया कर्मियों से अपनी परेशानी बताई. पुलिस अधिकारी और मीडियाकर्मी भी आये. उन्होंने भी तरह-तरह की बातें कह कर वापस लौटने को कहा, लेकिन गंगासागर तैयार नहीं हुआ. सभी परिवार असफल होकर वापस भूली लौट आए है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो