धनबाद(DHANBAD): धनबाद को बाहर के अपराधियों ने सॉफ्ट टारगेट क्यों कर रखा है. यह एक ऐसा सवाल है, जो सब को परेशान किए हुए हैं. कोई ऐसा अपराध नहीं है, जो धनबाद जिले में नहीं हो रहे है. ठगी की बात हो, लूट की बात हो, रंगदारी वसूलने की बात हो, फायरिंग करने की बात हो, सोने की चेन छीनने की बात हो, सब काम में बाहर के अपराधी सक्रिय हैं.
बाहर के अपराधी दे रहे घटना को अंजाम
फायरिंग गैंग में तो यूपी के शार्प शूटरों की मौजूदगी के सबूत धनबाद में मिल चुके हैं. पुलिस अभी इस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. अभी खुलासा हुआ है कि धनबाद में महिलाओं की गले से चेन झपटने वाले बाहर से आकर यहां अपराध करते हैं. इसका सबूत यह भी है कि घटनाएं जब होने लगती है तो लगातार होती हैं. फिर कुछ दिनों के लिए घटनाएं थम जाती हैं. मतलब कि अपराधी जब धनबाद में होते हैं तो घटनाएं करते हैं, फिर यहां से चले जाते हैं. हजारीबाग में गिरफ्तार हुए एक अपराधी ने यह स्वीकार किया है कि धनबाद में वह चेन छीनने की घटनाओं को अंजाम देता था. बोकारो का रहने वाला इमामुल अंसारी ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि वह हाल के दिनों में धनबाद में हुई घटनाओं में शामिल रहा है. सराय ढेला और शहर के कई घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. हो सकता है कि धनबाद पुलिस यहां के मामलों में रिमांड करें. सूत्रों के अनुसार 6 फरवरी 2020 को भी बैंक मोड़ पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. इसके पहले भी इमामुल धनबाद पुलिस के हत्थे चढ़ा चुका है. हजारीबाग सदर थाने की पुलिस ने 14 मई को इमामुल और अब्दुल को गिरफ्तार किया था. एक बाइक और सोने की चेन भी इसके पास से बरामद हुई थी. हजारीबाग पुलिस ने इमामुल की गिरफ्तारी की सूचना धनबाद पुलिस को दे दी है. हजारीबाग में एक महिला से चेन छीनकर भागने के दौरान वह पकड़ में आया.
आखिर बाहर के अपराधी धनबाद में क्यों शरण लेते हैं
हाल के दिनों में धनबाद में चेन छीनने की घटनाएं ताबड़तोड़ हो रही थी. हालात तो यह हो गए हैं कि महिलाएं चेन पहन कर घर से बाहर निकलने से परहेज कर रही है. सवाल है कि आखिर बाहर के अपराधी धनबाद में क्यों शरण लेते हैं .उत्तर प्रदेश में तो अपराधियों के खिलाफ अभियान से डरे क्रिमिनल्स भागे भागे फिर रहे हैं. ऐसे में कोयलांचल में अमन सिंह और प्रिंस खान गिरोह का उनको साथ मिल रहा है. यह बात भी सच है कि धनबाद जेल में बैठकर अपराधी योजना बनाते हैं और उसके बाद अपने गुर्गों के जरिए इसे अंजाम तक पहुंचाते हैं. पुलिस एक गैंग को गिरफ्तार करती है तो दूसरा गैंग खड़े हो जाते हैं. कहा जा सकता है कि अपराधियों ने धनबाद का सुख चैन छीन लिया है.