रांची(RANCHI): झारखंड में मंईयां सम्मान योजना का फॉर्म जमा करने के लिए महिलायें अंचल कार्यालयों में घंटों लाइन में खड़ी रह रही हैं. कई महिलाओं ने तीन से चार बार फॉर्म भी जमा किए लेकिन फिर भी उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा. ऐसे में अब विपक्ष पार्टी महिलाओं के सहारे राज्य सरकार पर निशाना साध रही है. भाजपा की तरफ से राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, ‘मंईयां सम्मान योजना’ को लेकर प्रशासनिक अव्यवस्था और राज्य सरकार की लापरवाही के कारण महिलायें परेशानी में हैं और इस लाभ से अब तक वंचित हैं.
अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि, हजारीबाग जिले सहित पूरे झारखंड में महिलाएं ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत मिलने वाली राशि के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. कई महिलाओं ने चार से पांच बार योजना का फॉर्म भी जमा किया. लेकिन फिर भी उनके खातों में सम्मान राशि जमा नहीं हुई है. वहीं, इस योजना के अंतर्गत आने वाली 18 से 50 वर्ष की उम्र की विधवा, आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय महिलाओं को भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. योजना के तहत अब प्रतिमाह 25,00 रुपये देने का प्रावधान हो गया है. लेकिन अधिकांश महिलाओं को राशि मिलना तो दूर उनकी आवेदन स्वीकृति की स्थिति तक स्पष्ट नहीं है. इससे झारखंड की सभी माताएं-बहनें परेशान हो रही हैं. कई मामलों में फॉर्म भरने और आवश्यक दस्तावेज देने के बावजूद योजना का लाभ महिलाओं को नहीं मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि रामगढ़ जिले में भी स्थिति खराब है. यहां करीब 30 हजार महिलाओं को इस योजना की राशि अब तक नहीं मिली. प्रशासन की लापरवाही और प्रक्रियागत बाधाओं के कारण महिलाएं बार-बार कार्यालयों के चक्कर काट रही हैं. प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण माताएं-बहनें दिनभर कार्यालयों में लाइन लगा कर खड़ी रहती हैं. लेकिन इसके बाद भी उन्हें केवल और केवल निराशा हाथ लग रही है. भले ही इस योजना का उद्देश्य जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना था. लेकिन सरकार की लापरवाही और देरी के कारण महिलाओं की मुश्किलें बढ़ रही हैं और सही क्रियान्वयन न होने से महिलाओं को आर्थिक रूप से परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है.
हजारीबाग जिले सहित पूरे झारखंड में महिलाएं ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत मिलने वाली राशि के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। 18 से 50 वर्ष की उम्र की विधवा, आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय महिलाएं, जो इस योजना के अंतर्गत आती हैं, उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा। कई महिलाओं… pic.twitter.com/4ElDGZ3L1G
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 7, 2024