रांची (RANCHI): अग्रवाल बंधु हत्याकांड के प्रमुख आरोपी लोकेश चौधरी को रांची सिविल कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है. साथ ही लोकेश के सहयोगी धर्मेंद्र तिवारी, सुनील सिंह को दोषी करार दिया है. जबकि लोकेश के एक अन्य सहयोगी रविशंकर लाल साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. अब लोकेश चौधरी की सजा बिंदु पर कोर्ट सुनवाई करेगा. रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने पुलिस की ओर से पेश किए गए साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर लोकेश चौधरी को दोषी करार दिया है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की हत्या गोली मार कर की गयी थी. पुलिस के मुताबिक, दोनों व्यवसायी बैग में मोटी रकम लेकर लोकेश को पहुंचाने गये थे. लेकिन लोकेश और एमके सिंह ने पहले से रुपये हड़पने की योजना तैयार कर रखी थी. योजना के तहत ही एमके सिंह ने लोकेश चौधरी के बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी के साथ खुद को आइबी का अधिकारी बताते हुए लोकेश चौधरी के ऑफिस में रेड की और दोनों व्यवसायियों के रुपये को जब्त कर लिया. इस संबंध में अरगोड़ा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी. इस संबंध में 7 मार्च 2019 को प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी. पुलिस ने लोकेश चौधरी को गुनहगार साबित करने के लिए 19 गवाह कोर्ट में प्रस्तुत किए. जबकि लोकेश चौधरी ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए एक भी गवाह प्रस्तुत नहीं किया.
रिपोर्ट. समीर हुसैन