धनबाद(DHANBAD) | झारखंड में 2024 का लोकसभा चुनाव कुछ को राजनीतिक ऊंचाई देगा तो कई को राजनीतिक वनवास काटने पर भी मजबूर कर सकता है. इस बार के चुनाव में कई प्रयोग किए गए है. कई को चुनावी मैदान से बाहर कर दिया गया है तो कुछ नए प्लेयर को सामने लाया गया है. झारखंड की कुल 14 लोकसभा सीटों पर 20 निर्वाचित सदस्यों की किस्मत दांव पर लगी हुई है. इनमें 9 लोकसभा सांसद, एक राज्यसभा सांसद और 10 विधायक शामिल है. लोकसभा सांसदों में गोड्डा से निशिकांत दुबे, पलामू से बीडी राम, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो और राजमहल से विजय हांसदा के अलावे कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, खूंटी से अर्जुन मुंडा, गिरिडीह से चंद्र प्रकाश चौधरी, सिंघभूम से गीता कोड़ा, राज्यसभा सांसद समीर उरांव के नाम गिनाये जा सकते है.
विधायकों की सूची तो लम्बी है ही
इसी प्रकार राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव में विधायकों की भी भारी फौजी उतारी है. झारखंड के नौ विधायकों को बड़ी पार्टियों ने टिकट दिया है, जबकि एक विधायक लोबिन हेंब्रम राजमहल सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है. विधायकों में हजारीबाग से भाजपा के मनीष जायसवाल, कांग्रेस से जयप्रकाश भाई पटेल, गोड्डा सीट से कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह, धनबाद से बीजेपी के विधायक ढुल्लू महतो , सिंघभूम से झामुमो विधायक जोबा मांझी , गिरिडीह से झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो, कोडरमा विधायक विनोद सिंह, दुमका से बीजेपी की सीता सोरेन , झामुमो के नलिन सोरेन शामिल है. इसलिए भी कहा जाता है कि इस बार का लोकसभा चुनाव पिछले चुनाव से कुछ अलग है.
पांच सीटिंग सांसद हुए बेदखल
पांच सिटींग सांसदों को टिकट से बेदखल कर दिया गया है. इनमें 2019 के चुनाव में झारखंड में सबसे अधिक मतों से जीतने वाले धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह के अलावा हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा , चतरा के सांसद सुनील सिंह, दुमका से सुनील सोरेन और लोहरदगा से सुदर्शन भगत शामिल है. यह अलग बात है कि एनडीए ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा पहले ही कर दी थी लेकिन इंडिया गठबंधन अभी भी कुल 14 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाया है. रांची कांग्रेस के खाते में है और अभी उम्मीदवारी फंसी हुई है. इसी तरह जमशेदपुर सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा को उम्मीदवार देना है ,लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा अभी भी मंथन ही कर रहा है. कांग्रेस ने मंगलवार को तीन सीटों का ऐलान किया. 3 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा पहले कर चुकी थी.
पूर्व विधायकों की सूचि भी कमजोर नहीं
बात सिर्फ निर्वाचित सदस्यों तक की नहीं है. इस बार झारखंड में चार पूर्व विधायकों पर भी पार्टियों ने दांव लगाया है. राजमहल सीट पर बीजेपी की ओर से पूर्व विधायक ताला मरांडी, लोहरदगा में कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक सुखदेव भगत, चतरा में कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक केएन त्रिपाठी और खूंटी में पूर्व विधायक कालीचरण मुंडा पर पार्टियों ने भरोसा किया है. यह अलग बात है कि झारखंड में 2024 के लोकसभा चुनाव में तरह-तरह के प्रयोग किए गए है. सिर्फ वर्तमान विधायकों की ही नहीं , बल्कि पूर्व विधायकों की भी लॉटरी निकली है. यह लॉटरी सभी बड़े दलों में निकली है. लॉटरी निकालने में कोई भी दल परहेज नहीं किया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को 12 सीटें मिली थी ,जबकि कांग्रेस के खाते में एक और झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में एक सीट गई थी. इस बार एनडीए भी प्रयोग किया है तो कांग्रेस भी प्रयोग कर रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो