धनबाद (DHANBAD): धनबाद लोकसभा क्षेत्र भाजपा के प्राथमिक सूची में है. धनबाद क्लस्टर में 14 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर आने वाले हैं. इस क्लस्टर में मार्च में भी प्रधानमंत्री की जनसभा हुई थी. गिरिडीह के पेसम में 14 मई को प्रधानमंत्री पहुंच रहे हैं. धनबाद गिरिडीह और कोडरमा संसदीय क्षेत्र धनबाद क्लस्टर में आते हैं. यहां से प्रधानमंत्री धनबाद क्लस्टर के तीनों लोकसभा सीटों को साधने की कोशिश करेंगे. वैसे पेसम कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है और गिरिडीह एवं धनबाद लोकसभा क्षेत्र इसके पड़ोस में स्थित है. धनबाद लोकसभा क्षेत्र हॉट सीट बना हुआ है. उम्मीदवारों के टिकट मिलने के पहले भी था और चुनाव प्रचार के दौरान भी हॉट सीट बना हुआ है. धनबाद क्लस्टर की तीनों लोकसभा सीट पर भाजपा की मजबूत पकड़ है. इस पकड़ को भाजपा किसी भी कीमत पर कमजोर होने देना नहीं चाहती. जबकि इंडिया ब्लॉक जी जान से जुटा हुआ है कि कम से कम धनबाद क्लस्टर की सीटों को झटक लिया जाए. चुनाव प्रचार में तेजी दोनों ओर से दिख रही है. धनबाद लोकसभा सीट भाजपा के कब्जे में है तो गिरिडीह लोकसभा सीट भाजपा के सहयोगी आजसू के पास है. कोडरमा लोकसभा सीट भाजपा के खाते में है. कोडरमा और गिरिडीह से भाजपा और उसके सहयोगी दल ने अपने प्रत्याशियों को दोबारा उतारा है, जबकि धनबाद लोकसभा सीट से भाजपा ने प्रत्याशी बदल दिया है. धनबाद से तीन बार के सांसद रहे पशुपतिनाथ सिंह का टिकट काटकर बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को टिकट दिया गया है. कोडरमा से 2019 में विजई रही अन्नपूर्णा देवी को टिकट मिला है. जबकि गिरिडीह से सिटिंग एमपी चंद्र प्रकाश चौधरी पर ही आजसू ने भरोसा जताया है. दूसरी ओर इंडिया गठबंधन ने धनबाद क्लस्टर के तीनों लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं. धनबाद से अनुपमा सिंह प्रत्याशी हैं तो गिरिडीह से विधायक मथुरा प्रसाद महतो प्रत्याशी बनाए गए हैं. कोडरमा से विधायक विनोद सिंह की उम्मीदवारी है. तीनों लोक सभा सीटों पर भाजपा विजय पताका एक बार फिर लहराने की कोशिश कर रही है तो इंडिया गठबंधन भी चुनौती पेश कर रहा है.
भाजपा कई स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारने की तैयारी
भाजपा इस क्लस्टर में प्रधानमंत्री समेत कई स्टार प्रचारकों को उतारने की तैयारी में है. प्रधानमंत्री के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय रक्षा मंत्री सहित अन्य को उतरने की तैयारी है. वैसे बात की जाए तो झारखंड में 2019 के चुनाव में भाजपा और उसके गठबंधन को 14 में से 12 सीटें मिली थी. भाजपा 2024 के चुनाव में कुल 14 सीटों पर जीत का दावा कर रही है तो इंडिया गठबंधन भी इस प्रयास में है कि अपने अपने पक्ष में सीटों की संख्या बढ़ाई जाए. इसके लिए जी तोड़ मेहनत की जा रही है. इंडिया गठबंधन की ओर से झारखंड में 2024 के चुनाव में 7 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है तो 5 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव लड़ रहा है. एक सीट बाम दल के पास है तो एक सीट पर राजद चुनाव लड़ रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी झारखंड में कांग्रेस बड़े भाई की भूमिका में थी. तो विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के हाथ फैले हुए थे. 2019 में कांग्रेस एक सीट पर जीत दर्ज की थी. सिंहभूम से गीता कोड़ा चुनाव जीती थी .लेकिन इस बार गीता कोड़ा भाजपा में शामिल हो गई है और भाजपा के टिकट पर सिंहभूम से चुनाव लड़ रही है. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से विधायक जोबा मांझी गीता कोड़ा को टक्कर दे रही हैं. वैसे झारखंड में इस बार भाजपा ने कई नए प्रयोग किए हैं. दुमका सीट पर शिबू सोरेन के परिवार में सेंधमारी कर उनकी बड़ी बहू सीता सोरेन को चुनाव में उतारा गया है, तो कांग्रेस ने भी भाजपा विधायक जे पी पटेल को अपने पाले में कर हजारीबाग से उम्मीदवार बनाया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने विधायकों पर अधिक भरोसा किया है. यह बात भी सही है कि धनबाद क्लस्टर के तीन लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की परीक्षा होगी तो इंडिया गठबंधन भी अग्नि परीक्षा के दौर से गुजरेगा. 2019 के चुनाव में कोडरमा लोकसभा से भाजपा की अन्नपूर्णा देवी को 753016 वोट मिले थे. जबकि झारखंड विकास मोर्चा के उस समय के उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी को 297416 मत प्राप्त हुए थे. धनबाद लोकसभा से पशुपतिनाथ सिंह को 827234 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के कीर्ति आजाद को 34140 वोट प्राप्त हुए थे. गिरिडीह लोकसभा सीट से आजसू के चंद्र प्रकाश चौधरी को 648277 वोट प्राप्त हुए थे. जबकि जगन्नाथ महतो (अब स्वर्गीय) को 399930 वोट प्राप्त हुए थे. 2024 के चुनाव में चुनौती कड़ी है, भाजपा के लिए भी चुनौती है तो इंडिया ब्लॉक के लिए भी चुनौती कोई काम नहीं है.
रिपोर्ट. धनबाद ब्यूरो