रांची (TNP Desk) : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. बीजेपी ने पश्चिमी सिंहभूम सीट से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा को अपने पाले में कर यहां की जातीय समीकरण को ही बिगाड़ दिया है. वहीं बीजेपी की इस रणनीति को झारखंड में बड़ा कदम माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता राज्य में कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए गठबंधन से खुश नहीं थीं.
कांग्रेस के साथ-साथ झामुमो को भी लगेगा तगड़ा झटका
अब बीजेपी की नजर राजमहल सीट पर है. चुनाव से पहले छतीसगढ़ की तरह यहां भी सेंध लगाने में भाजपा जुट गई है. अगर यहां भी बीजेपी ने सेंध लगा ली तो कांग्रेस के साथ-साथ झामुमो को भी तगड़ा झटका लग जायेगा. और इस तरह से कोल्हान के साथ संथाल को भी भेदने में भाजपा कामयाब हो जायेगी. दरअसल, राजमहल सीट से झामुमो के सांसद विजय हांसदा हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी चाईबासा और राजमहल की सीट नहीं जीत पायी थी. जबकि 2019 में भी मोदी का लहर था उसके बावजूद बीजेपी यह सीट अपने पाले में नहीं कर पायी.
चाईबासा के बाद राजमहल पर बीजेपी की नजर
भाजपा ने आम चुनाव 2024 से पहले चाईबासा से गीता कोड़ा को अपने पाले में कर तो लिया है अब राजमहल में सेंध लगाने में जुट गई है. मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी गीता कोड़ा के बाद अब राजमहल से झामुमो सांसद विजय हांसदा को अपने पाले में करने के लिए संपर्क बनायी हुई है. चाईबासा के साथ राजमहल को भी फतह करने की तैयारी शुरू कर दी है. जल्द ही इसका भी पटाक्षेप हो जायेगा. अगर ऐसा हो गया तो आने वाले चुनाव का परिणाम कुछ और ही हो जायेगा. दरअसल झारखंड की 14 में 12 सीटें बीजेपी की खाते में गई थी और दो सीटों में एक सीट कांग्रेस और एक सीट झामुमो ने जीत हासिल की थी.
बीजेपी को नहीं मिल रहा था कोई बड़ा चेहरा
बताया जाता है कि पार्टी के आंतरिक सर्वे में चाईबासा सीट से भाजपा को सबसे मजबूत उम्मीदवार का कोई चेहरा नहीं मिल रहा था. इसलिए कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा को अपने साथ ले लिया. यही कारण है कि भाजपा आलाकमान की नजर गीता कोड़ा पर लगी हुई थी. हालांकि पार्टी ने इसके साथ ही बड़कुंवर गगराई, जेबी तुबिद और मालती गिलुआ के लिए भी दरवाजे खुले रखे हुए थे, ताकि गीता कोड़ा से नाउम्मीदी मिलने पर इन चेहरों पर दांव लगाया जा सके.
संथाल और कोल्हान पर बाबूलाल की नजर
दरअसल जबसे पार्टी की कमान बाबूलाल के हाथ में गयी है, उनकी नजर झामुमो का सबसे मजबूत किला संथाल और कोल्हान पर टिकी हुई है. वह किसी भी कीमत पर इस किले को ध्वस्त करना चाहते हैं. हालिया दिनों में झारखंड की सियासत में कुर्मी जाति का महत्वपूर्ण चेहरा माने जाते रहे पूर्व सांसद शैलेन्द्र महतो को भाजपा में शामिल करवाना भी इसी रणनीति का हिस्सा था. शैलेन्द्र महतो, गीता कोड़ा के बाद अब पार्टी की नजर विजय हांसदा पर टिकी हुई है.