रांची(RANCHI): पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ना लोबिन हेंब्रम को महंगा पड़ गया. पार्टी से तो निष्कासित किया ही गया था. अब उनका विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दिया गया है. वहीं विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रास्ता चुना. इस विषय पर लोबिन हेंब्रम का कहना है कि यह लोकतंत्र की हत्या हैं, झारखंड में लोकतंत्र की हत्या हुई है. उन्होंने कहा कि विधानसभा सदस्य रद्द पार्टी के लोगों के दबाव में स्पीकर ने किया हैं.
देश की इतिहास में यह पहली घटना
उन्होंने कहा कि विधानसभा सदस्यता रद्द होने का मुझे दुख नहीं है, लेकिन गम इस बात का है कि सदन शुरू होने से आधे दिन पहले ही मेंबरशिप क्यों खत्म किया गया. सदन में उठाए गए जनहित के मुद्दे पर उसका जवाब कौन देगा. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली घटना है
एक को फांसी दूसरे को चुभन तक नहीं
उन्होंने कहा कि चमड़ा लिंडा ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा. लेकिन लोबिन की मेंबरशिप क्यों खत्म किया गया, चमड़ा लिंडा पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं किया गया. यह भेद भाव क्यों किया जा रहा है.बिना नोटिस भेजे मेंबरशिप को रद्द कर दिया गया है.उन्होंने कहा कि एक को फांसी और एक को चुभन भी नहीं यह गलत है.
अपने वादों से मुकर गई सरकार
उन्होंने कहा कि झारखंड में वर्षा कम होने के कारण रोपा कम हुआ है जिस कारण यहां से किसान और गरीब लोग पलायन कर रहे है. लेकिन सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई है. उन्होंने कहा कि गांव का गांव खाली हो रहा है,अब कहीं खेती नहीं हो रही है. यह आश्चर्य की बात है सरकार किसके लिए बनी हुई है. उन्होंने कहा कि चुनावी मेनिफेस्टो में जो लिखा है उसके अकॉर्डिंग सरकार ने काम नहीं किया है,वह अपने वादों से मुकर गए.
हॉस्टल में घुस आदिवासी छात्रों की पिटाई
वहीं पाकुड़ में हुए घटना पर कहां कि छात्रों की क्या गलती थी ,रात 12 बजे पुलिस हॉस्टल में घुस सो रहे छात्र को लाठी से पीट रही है.उन्होंने ने कहा कि उन्हें शर्म आना चाहिए टोपी में अशोक चक्र है और वह लोग आदिवासी छात्रों को पीट रहे हैं. इस मामले में सरकार को जांच करनी चाहिए.