☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

बिहार में शराब तस्करी बना उद्योग ! इस चुनाव शराब बंदी का कितना लाभ ले पाएगें नीतीश बाबू ?

बिहार में शराब तस्करी बना उद्योग ! इस चुनाव शराब बंदी का कितना लाभ ले पाएगें नीतीश बाबू ?

धनबाद (DHANBAD) : बिहार में पहली अप्रैल 2016 से नीतीश कुमार की सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू कर रखी है. लेकिन उसके बाद  बिहार में शराब तस्करी एक उद्योग की तरह काम कर रहा है. 2016 के बाद नीतीश कुमार राजद के साथ भी सरकार चलाएं और बीजेपी के साथ भी सरकार चल रही है. लेकिन शराबबंदी के कानून में कोई बदलाव नहीं आया है. अब चुनाव सर पर है, ऐसे में यह सवाल बहुत स्वाभाविक है कि शराबबंदी कानून का चुनाव में कितना फायदा ले पाएंगे नीतीश कुमार. यह अलग बात है कि सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता रही है.  

सबकुछ के बावजूद नीतीश सरकार फायदे गिनने से नहीं चूकती 

कहती है कि घरेलू हिंसा के मामले में कमी आई है. महिलाओं के साथ अपराध की दर में भी गिरावट दर्ज की गई है. शराब पीने से नुकसान को लेकर जागरूकता बढ़ी है. इधर, यह भी कहा जा रहा है कि शराबबंदी से सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है. सबसे बड़ी बात यह कहीं जा रही है कि बिहार में शराब तस्करी से जुड़ा एक मजबूत गैंग तैयार हो गया है. कानून के बावजूद बिहार में यह धंधा उद्योग का रूप ले लिया है. शराबबंदी के बाद बिहार के शराब तस्करों का नेटवर्क दूसरे राज्यों में फैल गया है और पड़ोसी राज्यों से खूब शराब की तस्करी हो रही है.  झारखंड के लगभग  सभी जिलों में जब-जब उत्पाद विभाग सक्रिय होता है, बिहार जाने वाली शराब लदी  गाड़ियां पकड़ी जाती है. 

बगल के प्रदेशों से खूब हो रही शराब की तस्करी 
 
कभी कंटेनर में भरकर शराब की पेटियां बिहार पहुंचाने का मामला सामने आता है, तो कभी लग्जरी गाड़ियों से शराब की तस्करी होती है. अवैध शराब चुलाई का धंधा भी बिहार में बंद नहीं हुआ है. 2016 के बाद न जाने जहरीली शराब पीने से कितने लोगों की जान चली गई है. फिर भी शराब पीने वाले शराब पी ही रहे हैं, हंगामा कर रहे है. शराब तस्करों की आपसी लड़ाई में हत्याएं तक हो रही है. पुलिस के डर  से शराब तस्करी के तरीकों  में लगातार बदलाव हो रहा है. सवाल उठता है कि इसका कितना फायदा चुनाव में नीतीश कुमार को मिलेगा ?यह देखने वाली बात होगी. वैसे भी शराबबंदी को लेकर विपक्षी दल नीतीश कुमार पर हमलावर रहते है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पहले ही यह  डिमांड की थी कि ताड़ी को शराबबंदी के कानून से अलग रखा जाए.  

क्या कहते है जनसुराज  के सूत्रधार प्रशांत किशोर 

जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर तो डंके की चोट पर कहते हैं कि बिहार में शराबबंदी से फायदे से अधिक नुकसान हुए हैं और यह आगे भी जारी रह सकता है. शराब बिक्री से प्राप्त राजश्व एजुकेशन पर खर्च होना चाहिए. बिहार में होटल और बार चलाने  वाले भी कहते हैं कि शराबबंदी से उनका धंधा मंदा हो गया है. क्योंकि उनके यहां अब पार्टियां नहीं होती. पार्टी करने वाले बगल के राज्यों में शिफ्ट हो जाते है. प्रशांत किशोर तो लगातार कह रहे हैं कि शराबबंदी को खत्म कर शराब बिक्री से होने वाली आय को शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए. यह भी बात सच है कि नीतीश कुमार के शराबबंदी की नीति को उनके अपने लोग भी बहुत समर्थन नहीं दे रहे है. ऐसे में यह सवाल उठाना बहुत स्वाभाविक है कि शराब बंदी का कितना लाभ चुनाव में ले पाएंगे नीतीश कुमार. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो 

Published at:01 Aug 2025 08:51 AM (IST)
Tags:DhanbadBiharSharabTaskariUdhyog
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.