दुमका(DUMKA):दुमका के प्रधान जिला जज अनिल मिश्रा की अदालत ने पति की हत्या के आरोप में पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पत्नी की अवैध संबंध का विरोध करने पर 23 जुलाई 21 को सरैयाहाट के मंडलडीह निवासी पति सोनू पोद्दार की हत्या पत्नी गौरी देवी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर कर दी थी. हत्या के बाद शव को शौचालय के निर्माणाधीन टैंक में फेंक दिया था.
पति की हत्या के आरोप में पत्नी और प्रेमी को आजीवन कारावास
प्रधान जिला जज अनिल मिश्रा की अदालत ने दोनों को आजीवन कारावास के साथ 50 हजार का जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. वहीं साक्ष्य छुपाने के लिए 7 साल की सजा और 25 हजार रुपया जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर 6 महीने की और सजा काटनी होगी. सभी सजा एक साथ चलेगी. अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी चंपा कुमारी और बचाव पक्ष की ओर से संजय मंडल और कुमोद नारायण झा ने बहस की. कुल 13 गवाह के बयान दर्ज किया गया.
पत्नी ने 40 वर्षीय पति सोनू की हत्या कर शव को घर में ही छुपा दिया
घटना की सुबह मंडलडीह गांव के लोगों ने चौकीदार ओशो मांझी को बताया कि गौरी देवी ने 40 वर्षीय पति सोनू की हत्या कर शव को घर में ही छुपा दिया है. चौकीदार ने घर जाकर सोनू के बारे में पूछताछ की. लेकिन कुछ पता नहीं चला. उसने थाना आकर पदाधिकारी को सारी बात बताई. पुलिस घर में जांच करने पहुंची, तो निर्माणाधीन शौचालय के टैंक से बदबू आयी. पुलिस ने गौरी देवी से पति के बारे में पूछा तो कुछ बता नहीं सकी. पुलिस ने शक होने पर टैंक से सटे पत्थर को हटाया तो अंदर शव मिल गया. चौकीदार के बयान पर महिला के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया. मृतक की 21 साल की बेटी पूजा देवी के बयान के आधार पर रविकांत शर्मा की गिरफ्तारी की गयी.
कोरोना के नाम पर दी थी बेहोशी की सुई
बेटी पूजा देवी ने पुलिस को बताया कि पिता वर्ष 19 में काम के सिलसिले में गुजरात चले गए. वो घर के खर्च के लिए पैसा भेजते थे. लेकिन कोरोना आने के बाद पैसा भेजना बंद कर दिया. पिता की गैर मौजूदगी में मरकुंडा गांव का रविकांत घर आता था. वो मां को घुमाने के लिए बाहर लेकर जाता था. घटना से कुछ दिन पहले पिता घर आए.
कोरोना की सुई के नाम पर दिया गलत इंजेक्शन
जब उन्हें मां और रवि के संबंध के बारे में पता चला तो उन्होंने इस संबंध का विरोध किया. हत्या से करीब 5 दिन पहले रात को रवि घर आया और पिता से कहा कि कोरोना से बचने के लिए सुई लेना जरूरी है. मां के कहने पर पिता ने सुई ली. इसके बाद जब वे बेहोश हो गए तो मां और रवि ने गमछा से गला घोंटकर हत्या कर दी. शव को टैंक में डालकर बंद कर दिया. डर की वजह से वह चाहकर भी किसी को कुछ बता नहीं सकी.
रिपोर्ट-पंचम झा