धनबाद (DHANBAD) : नीतीश को हर 3 साल में प्रधानमंत्री बनने का सपना आता है. लालटेन धधक उठी है, इसे काबू करना नीतीश के बस में नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह को कोई राजनीतिक अनुभव नहीं, हिंदू मुस्लिम सभी मिलजुल कर रहे, उनकी बातों में ना आए. भाजपा कोई पार्टी नहीं, वह संघ का मुखौटा है. दोनों आरक्षण विरोधी हैं. हम और नीतीश अब हमेशा साथ रहेंगे. 2024 में 2015 का भी रिकॉर्ड तोड़ना है. यह सब बोल है बिहार में नेताओं के. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जहां बिहार में नीतीश और लालू को निशाने पर लिया, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीछे नहीं रहे. रही सही कसर लालू प्रसाद यादव ने भी निकाल दी. इस तरह कहा जा सकता है कि झारखंड से लेकर बिहार तक 2024 को टारगेट कर राजनीति शुरू कर दी गई है.
नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद
जैसे-जैसे 2024 का चुनाव नजदीक आता जाएगा, इस वजह से वाणी में और कठोरता आएगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार को हर 3 साल पर प्रधानमंत्री बनने का सपना आता है. प्रधानमंत्री पद के लिए वह विकासवादी से अवसरवादी हो गए हैं. पिछले चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन वह उसी राजद और कांग्रेस की गोद में बैठ गए ,जिसके खिलाफ चुनाव लड़े थे. अभी तेल और पानी का गठबंधन है. इसमें जदयू पानी और राजद तेल है. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश को बढ़ाने के लिए भाजपा से मुक्ति जरूरी है. देश भर में विपक्ष को एकजुट कर भाजपा को खत्म करेंगे. बिहार में महागठबंधन के घटक दल एकजुट हैं. इस तरह देश में सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा. कांग्रेस की प्रतीक्षा है वह जल्द पहल करें. इधर, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन में शामिल दल एकजुट होकर दिल्ली मार्च करेंगे. अमित शाह कह गए कि यहां जंगलराज है. उनको बता दें कि यहां जनता का राज है. बिहार के लोग बिकाऊ नहीं, टिकाऊ है. इधर, लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि भाजपा कोई पार्टी नहीं, वह संघ का मुखौटा है. दोनों आरक्षण विरोधी हैं. हम और नीतीश अब हमेशा साथ रहेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह झारखंड का भी दो बार दौरा कर चुके हैं. यहां भी लोगों को चुनावी मंत्र देकर गए हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी चुनावी बोल रहे हैं. वैसे अभी रामगढ़ के चुनाव को लेकर झारखंड का माहौल चुनावी हो गया है. 27 फरवरी को यहां वोटिंग होनी है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद