धनबाद(DHANBAD): मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष कृष्णा अग्रवाल ने एक बार फिर धनबाद के भाजपा नेताओं को कठघरे में खड़ा किया है. पहले तो उन्होंने विरोध स्वरूप इस्तीफा दिया और अब सत्याग्रह करने की बात कही है. धनबाद में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष कृष्णा अग्रवाल अब अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन करेंगे. उनका कहना है कि धनबाद में अपराधी नंगा नाच कर रहे हैं, पुलिसिंग ध्वस्त हो गई है. कोयलांचल के आम और खास सभी परेशान है. रंगदारी वसूली से कारोबारी परेशान है. जो रंगदारी दे भी रहे हैं, दहशत में जी रहे हैं, लेकिन मुंह खोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे है. रोज लोगों को कॉल या संदेश भेज कर डराया- धमकाया जा रहा है. बैंक मोड में कई ऐसे दुकानदार हैं, जो दुकान में बैठने से डरते हैं या परहेज करते है. बैंक मोड़ में रात 10 बजे तक गुलजार रहने वाला मार्केट 8 बजे के बाद ही बंद हो जाता है.
बयानवीर बने रहे जनता के नुमाइंदे
जो जनता के नुमाइंदे हैं, उनका विरोध सिर्फ बयान तक ही सीमित रह गया है. जिस तेवर और संघर्ष की अपेक्षा विपक्षी राजनीतिक दल भाजपा से थी, वह केवल प्रतीकात्मक विरोध तक ही रह गई . भाजपा के इसी प्रतीकात्मक ,दिखावटी विरोध से कुपित होकर कृष्णा अग्रवाल ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि विपक्षी पार्टीयों (भाजपा) के लिए धनबाद का यह ज्वलंत मुद्दा एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने का एक अवसर था. लेकिन कुछ नहीं किया गया. केवल बयानवीर बनकर विधायक ,सांसद चुप हो गए. कारोबारी भाजपा के वोटर है. उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उनके लिए सरकार और प्रशासन पर दबाव देगी ,लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. कृष्णा अग्रवाल ने घोषणा की है कि 30 नवम्बर को गाँधी सेवा सदन स्थित महात्मा गाँधी जी की मूर्ति के समीप अनिश्चित कालीन सत्याग्रह आंदोलन पर बैठेंगे. यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जबतक सरकार एवं स्थानीय प्रशासन धनबाद की शांतिप्रिय अमन चैन पसंद व्यापारी,कारोबारी एवं जनता को सुरक्षा की पूर्ण गारन्टी नहीं देता.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो