टीएनपी डेस्क : पूरे भारत में मानसून अपने पीक पर है. कई राज्यों में इस मानसून ने बर्बादी ला दी है तो कहीं के लिए यह आशीर्वाद से कम नहीं है. झारखंड के मानसून की बात करें तो राज्य में पिछले दो तीन दिनों से मानसून पूरी तरह से सक्रिय है. कई जिलों में झमाझम बारिश ने लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया तो कहीं मध्यम वर्षा ने भी लोगों को राहत भी दी है. वहीं, झारखंड में मौसम में हुए इस बदलाव से सबसे ज्यादा खुशी किसानों के चेहरे पर देखने को मिल रही है. जून में बारिश न होने के कारण जहां किसानों के चेहरे पर टेंशन की लकीर आ गई थी तो वहीं, इन दिनों हुई झमाझम बारिश ने उनके चेहरे से चिंता की लकीर को मिटा दिया है. सही तरीके से सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण कई किसान बारिश पर ही निर्भर रहते हैं. ऐसे में मानसून में हुई देरी और कम वर्षा होने के कारण किसानों ने इस बार धान का बिचड़ा देर से लगाया है. लेकिन पिछले दो तीन दिनों में हुई इस बारिश ने किसानों के लिए संजीवनी का काम किया है. इस बारिश ने किसानों में एक उम्मीद जगा दी है कि अब वे अपने खेतों में बचे हुए धान रोपाई के अधूरे काम को पूरा कर सकेंगे. बता दें कि, मानसून आने के बाद भी अच्छी बारिश नहीं होने के कारण खेतों में सुखाड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. साथ ही राज्य में 49% बारिश कम हुई थी जिसके चलते खेतों में दरारें पड़ने लगी थीं. खेतों के हालात देखकर किसान भी काफी चिंतित थे.
पूरे परिवार के साथ किसान फसल रोपाई में जुटे
पिछले दो तीन दिनों से हुई इस बारिश से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि, अगर आने वाले दिनों में भी इस तरह से वर्षा होती रही तो धान की रोपाई में हुई देरी से जो भी नुकसान होने वाले थे उसकी भरपाई कुछ हद तक हो सकती है. वहीं, इस बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे किसान पूरे परिवार के साथ फसल की रोपाई में जुट गए हैं. इस बारिश से किसान अच्छे फसल की उम्मीद लगा रहे हैं. साथ ही बारिश न होने के कारण दलहन, तेलहन, उड़द, अरहर, मूंग और मोटे अनाज के जो फसल बर्बाद हो रहे थे वहीं यह बारिश इन अनाज के फसलों के लिए अमृत का काम कर रही है.
मक्के की खेती को पहुंच रहा नुकसान
वहीं, राज्य में हो रही है इस झमाझम बारिश से जहां एक ओर धान के फसल के लिए फायदेमंद हो रही है तो वहीं, इस बारिश से मक्के की खेती को नुकसान भी पहुंच रहा है. इस भारी बारिश से ज्यादातर खेत जलमग्न हो गए हैं तो वहीं मक्के के पौधे जमीन की ओर झुकते जा रहे हैं. अगर बारिश यूं होती रही तो धान के फसल तो सही हो जाएंगे लेकिन मक्के या अन्य सब्जियों के फसल को भारी नुकसान पहुंच सकता है.