रांची (Ranchi) : राजधानी रांची में सेना जमीन घोटाले मामले के आरोपियों के खिलाफ दाखिल प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन पर आज कोर्ट ने संज्ञान लिया. जिस पर आज कोर्ट के समझ ईडी के द्वारा प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन में कई साक्ष्य और अब तक की जांच में आरोपियों के खिलाफ जो तथ्य सामने आए है उसकी जानकारी कोर्ट को दी गई. फिलहाल इस मामले में कोर्ट अब अगली सुनवाई 1 जून को करेगी. बता दें कि ईडी की विशेष अदालत में 10 अभियुक्तों के खिलाफ 12 जून को प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन दायर किया गया था.
अब तक 10 की गिरफ़्तारी
बता दें कि झारखंड में जमीन हेरा फेरी मामले में ईडी ने बरियातू थाना में दर्ज एक केस से जांच शुरू किया था. इस जमीन घोटाले की परत खोलने के लिए ED ने पहली छापेमारी पिछले वर्ष रांची के चर्चित कारोबारी अमित अग्रवाल के ठिकानों पर किया था. इस छापेमारी में कई दस्तावेज हाथ लगे जिसके बाद दोबारा से 13 मई को रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन समेत 22 ठिकानों पर एक साथ दबिश देखी गई. इस छापेमारी में सात लोगों को ईडी ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद सभी से लंबी पूछताछ हुई फिर जेल भेज दिया गया.
जानिए कब किसकी हुई गिरफ़्तारी
जमीन घोटाले मामले में ईडी ने आईएएस छवि रंजन को 22 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया लेकिन वह उस दिन ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे. दोबारा ईडी ने हाजिर होने का आदेश दिया जिसके बाद 24 मई को छवि रंजन ईडी दफ्तर पहुंचे थे. इस दिन करीब 11 घंटे से अधिक पूछताछ हुई. इस पूछताछ से निकली जानकारी को आगे बढ़ाते हुए और भी कई लोगों से पूछताछ हुई. बाद में फिर चार मई को छवि रंजन को ईडी दफ्तर बुलाया गया. इस दिन करीब 12 घंटे पूछताछ हुई जिसके बाद उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया.
25 करोड़ में बेची थी जमीन
ईडी की जांच में पाया गया था कि सेना की कब्जे वाली 4.55 एकड़ और बजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन को गलत दस्तावेज बना कर जमीन माफिया और अधिकारियों ने बेच दिया था. सेना की कब्जे वाली जमीन की कीमत करीब 41.51 करोड़ रुपये है वहीं बजरा मौजा की जमीन की कीमत 32.87 करोड़ बताई गई है. लेकिन इस जमीन को फर्जी तरीके से अधिकारी और माफियाओं ने कोलकाता के कारोबारी दिलीप घोष को करीब 25 करोड़ में बेच दिया था.