धनबाद(DHANBAD): रविवार को धनबाद जिले में तीन अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में 3 लोगों की मौत हो गई. ऐसा ही आंकड़ा प्रतिदिन 29 लाख की आबादी वाले धनबाद ज़िले में मौतों की होती है. कह सकते हैं धनबाद की सड़कों पर वाहन नहीं, मौत नाचती है ऑटो वाले तो 'साइलेंट किल'र' है, हाईवा और कोयला लोड बड़ी गाड़ियां तो यमदूत बनकर चलती है लेकिन युवाओं के हाथ में हाई स्पीड बाइक तो और खतरनाक ढंग से दुर्घटना का कारक बन रही है. मरने वालों में अधिकतर आंकड़े युवाओं की होती है, जो तेज रफ्तार लहरिया कट बाइक चलाने के शिकार हो जाते हैं.
रविवार की रात जोडा पोखर थाना क्षेत्र में तो दो बाइक टकरा गई
रविवार की रात जोडा पोखर थाना क्षेत्र में तो दो बाइक टकरा गई, जिसमें घटनास्थल पर ही एक की मौत हो गई. जबकि 3 युवक घायल हो गए. छोटी-मोटी घटनाओं की बात हम नहीं करते, लेकिन अगर अस्पताल में देखा जाए तो सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की संख्या कुछ अधिक ही गिनी जाती है. सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकारी व्यवस्थाएं होती है, कई अत्याधुनिक मशीने भी पुलिस के पास है. लेकिन पुलिस अपने को केवल हेलमेट चेकिंग तक ही सीमित रखती है. नतीजा है कि सड़कों पर जान गवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती चली जा रही है.
वजह तो बहुत है लेकिन हमें भी सुधरना होगा
सड़क हादसों के कई वजह हैं, कई स्थानों पर ब्लैक स्पॉट हैं, वहां न तो ब्रेकर है और ना ही ट्रैफिक पुलिस का कोई इंतजाम. शराब पीकर गाड़ी चलाना, कोलियरी इलाकों में हाईवा सहित ओवरलोड बड़ी गाड़ियों की चपेट में आना, बगैर हेलमेट का गाड़ी चलाना, सड़कों के किनारे गाड़ी खड़ी करना, ओवरटेक के चक्कर में गाड़ियों की रफ्तार तेज करना, बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना, नाबालिग के हाथों में गाड़ी देना, यह सब भी दुर्घटना के बड़े कारण है. अगर आप किसी स्कूल के बाहर चले जाएं तो गाड़ियों की लंबी कतार दिख जाएगी. ऐसे में स्कूल जाने वाले बच्चों के पास लाइसेंस है अथवा नहीं, इसकी जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. अभिभावक दुलार में बच्चों को महंगी बाइक खरीद कर दे देते हैं, कहने के लिए तो रोड सेफ्टी की बैठक भी होती है, निर्णय भी लिए जाते हैं, लेकिन सारे के सारे निर्णय सिर्फ फाइलों में कैद रहते है. नतीजा है कि कुछ तो अपनी गलती से और कुछ दूसरों की गलती से कोयलांचल में सड़क पर जान गवा रहे हैं.
रिपोर्ट : शांभवी सिंह, धनबाद