धनबाद (DHANBAD) : बादलों से घिरा आसमान और भारी भीड़ के बीच शायरी, कविता और व्यंग्य की फुहार का शनिवार को धनबाद के लोगों ने भरपूर आनंद उठाया. कविता, शायरी और व्यंग में गोते लगाते रहा धनबाद. दरअसल, शनिवार को चर्चित कवि कुमार विश्वास धनबाद में थे. उन्होंने ऐसा समां बांधा की तालियां रुकने का नाम नहीं ले रही थी. पॉलिटिक्स पर कटाक्ष भी किया. इस अधूरी जवानी का क्या फायदा( राहुल गांधी) बिन कथानक कहानी का क्या फायदा( मोदी का जिक्र), जिसमें धुल कर नजर भी ना पावन बने, आंख में ऐसे पानी का क्या फायदा. इसपर कुमार विश्वास ने खूब तालियां बटोरी. भाजपा, कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा किसी को नहीं छोड़ा. सब पर टिप्पणी की.
जहां नीचे कोयला ऊपर AK-47
साथ ही उन्होंने धनबाद की मिट्टी को भी नहीं बक्शा, कह डाला कि यह वह जगह है. जहां नीचे कोयले में आग है और ऊपर AK-47 की आवाज है. राजस्थान के कोटा के मामलों में बच्चों से कहा कि कभी उम्मीद नहीं हारो, मेहनत करो, इंजीनियर, डॉक्टर नहीं बन सकते तो क्या हुआ. कुछ और बनेंगे. ईश्वर ने कुछ बड़ा सोच रखा है. कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है, से शुरू हुई महफिल जैसे-जैसे जवान होती गई, श्रोताओं का उत्साह बढ़ता गया. तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही. धनबाद के रणधीर वर्मा स्टेडियम में शनिवार की रात कार्यक्रम आयोजित किया गया था. यह कार्यक्रम हिंदी साहित्य विकास परिषद के 44 में स्थापना दिवस पर आयोजित था. इसके पहले कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद पी एन सिंह, विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, पूर्व सांसद रविंद्र पांडे, हिंदी साहित्य विकास परिषद के अध्यक्ष संजय आनंद, सचिव राकेश शर्मा समेत अन्य ने किया. कुमार विश्वास ने झारखंड के प्रतिनिधि कवियों के काव्य ग्रंथ व साहित्य ग्रंथ का लोकार्पण किया. रविवार को कैलाश खेर के बैंड का म्यूजिक शो होगा. कुमार विश्वास ने कहा कि अभी बहनों को 33% आरक्षण मिला है. वह दिन भी आएगा जब सरकार को 50 फीसदी आरक्षण देना होगा.
झारखंड की सड़कों पर भी किया कटाक्ष
झारखंड के सड़कों पर भी उन्होंने तगड़ा कटाक्ष किया. कहा कि रांची से सड़क मार्ग से धनबाद पहुंचने में काफी गड्ढे मिले. परेशानी तो हुई लेकिन झारखंड की धरती अद्भुत है. यह भगवान बिरसा मुंडा की धरती है. लोगों से अपील की है कि अपने शहर में कुछ ऐसा पैदा करो कि बाहर नहीं जाना पड़े. दूसरे जगह के लोग यहां नौकरी करने आए. जो भी हो कार्यक्रम पूरी तरह से सफल रहा और इलाका तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा. अपराध और अपराधियों पर भी चुटकी ली. वैसे झारखंड अभी अपराधिक घटनाओं के लिए ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है.
रिपोर्ट. धनबाद ब्यूरों