धनबाद(DHANBAD): धनबाद कोयलांचल में गर्मी जान ले रही है, तो बिजली संकट उस पर नमक छिड़क रहा है. नतीजा है कि लोगों का जीना कठिन हो गया है. तापमान 43 डिग्री के पार पहुंच गया है. एक तरफ झुलसाने वाली गर्मी है तो दूसरी ओर बिजली संकट से लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं. धनबाद कोयलांचल को 24 घंटे में मात्र 10 घंटे से अधिक बिजली नहीं मिल रही है. जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. हंगामा हो रहा है.
गर्मी की वजह से 60% लोड बढ़ा
सोमवार की देर रात को बिजली कट गई. लोग परेशान हो गए. इसी बीच तेलीपाड़ा के लोगों ने हीरापुर सब स्टेशन के पास सड़क जाम कर दी. गर्मी की वजह से केवल जलना, जंफर में खराबी आ जाना, तार टूटना सामान्य सी बात हो गई है. ट्रांसफार्मर खराबी के मामले भी बढ़ गए हैं .शहर से लेकर गांव तक हर कोई परेशान है .सुबह से रात तक लोगों को रोटेशन पर बिजली मिल रही है. बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार उपकरणों को बचाने के लिए रोटेशन पर बिजली दी जा रही है. बिजली विभाग का कहना है कि गर्मी की वजह से 60% लोड बढ़ गया है. ओवरलोड के कारण ट्रिपिंग की समस्या हो रही है. सवाल उठता है कि पहले से ही यह घोषित था कि इस साल गर्मी अधिक पड़ेगी, इसके लिए बिजली विभाग ने क्या तैयारी की थी. अभी-अभी लोकसभा का चुनाव खत्म हुआ है. उम्मीदवार अपने दौरे के क्रम में लोगों को बड़े-बड़े दावे किए थे. एक बार का मौका मांग कर लोगों को भरोसा दिया था कि धनबाद को अब कोई समस्या नहीं होगी. लेकिन बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए ना विजई प्रत्याशी लोगों के आंसू पूछ रहे हैं और ना हारे हुए प्रत्याशी. दावा तो बहुत किया गया कि सब कुछ ठीक कर दिया जाएगा ,लेकिन इस गर्मी में बिजली लोगों की परीक्षा ले रही है.
इस भीषण गर्मी में भी पतरातू थर्मल प्लांट से बिजली की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी. लगता है कि धनबाद को अभी बिजली संकट झेलना पड़ेगा. बिजली विभाग का दावा था कि जून से पतरातू थर्मल पावर प्लांट से बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी. इससे धनबाद सहित राज्य के अन्य जिलों में बिजली आपूर्ति होगी. नई यूनिट से 800 मेगावाट बिजली मिलनी थी. बताया जाता है कि अभी तीन से चार माह और लगा सकते हैं. मतलब इतने दिनों तक लोगों को बिजली संकट झेलना पड़ेगा. बात सिर्फ बिजली विभाग की ही नहीं है, डीवीसी की बिजली से धनबाद ,गिरिडीह, कोडरमा, बोकारो, रामगढ़ ,चतरा, हजारीबाग में बिजली आपूर्ति की जाती है .डीवीसी की लोड शेडिंग का असर भी इन जिलों पर पड़ता है. इन जिलों के लिए डीवीसी से 600 मेगावाट बिजली का करार है. मतलब साफ है कि बिना किसी तैयारी के बिजली विभाग इस गर्मी में खड़ा है. नए-नए नियम बनाए जाते हैं. उपभोक्ताओं को भरोसा दिया जाता है ,लेकिन बिजली मिलती नहीं है. पानी की भी वही समस्या है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो