रांची(RANCHI): राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई के बाद झारखंड के कांग्रेसी अधिक उत्साहित दिख रहे हैं. आदतन यह उत्साह सड़क पर कम लेकिन शीत ताप नियंत्रित कक्षों में अधिक दिख रहा है. यह बात भी सच है कि अति उत्साह में कुछ गलतियां भी हो जाती है, कई तरह की खामियां भी रह जाती हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सह कार्यालय प्रभारी अमूल्य नीरज खलखो ने 28 मार्च 23 को झारखंड के सभी जिला अध्यक्ष को पत्र निर्गत किया है. पत्र की प्रतिलिपि केंद्रीय नेतृत्व को भी दी गई है. झारखंड के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे तो लगातार आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. सत्याग्रह कार्यक्रम अभी चल ही रहा है. हर एक जिला मुख्यालयों पर सत्याग्रह का एक दौर खत्म हो गया है. अब दूसरे दौर में 15 से 20 अप्रैल तक जिला स्तर पर जय भारत सत्याग्रह कार्यक्रम चल रहा है. यह कार्यक्रम बहुत जिलों में खत्म हो गया है और बहुत जिलों में 20 अप्रैल को खत्म होगा.
पत्र में लिखी बातों में सबसे अधिक जो खटकती है ,वह यह है कि जिला मुख्यालय घेराव कार्यक्रम में न्यूनतम 15000 लोगों की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाए. सवाल उठता है कि कई जगहों पर तो कार्यक्रम हो गए, तो क्या यह पता लगाया गया कि जिन जिलों में यह कार्यक्रम हो गया है, वहां 15000 लोग जुटे थे अथवा नहीं. अगर जुटे थे तो क्या जिला अध्यक्ष को शाबाशी पत्र जारी हुआ और जहां नहीं जुटे थे, उन जिला अध्यक्षों के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की जा रही है.
पत्र में साफ लिखा गया है कि 15 से 20 अप्रैल तक जिला स्तर पर जय भारत सत्याग्रह कार्यक्रम आयोजित करना है. इसमें जिला मुख्यालय का घेराव होना है. इस कार्यक्रम में जिला स्तरीय प्रदेश के वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक को शामिल रहने का निर्देश है. सभी मित्र पार्टियों को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण देने का निर्देश है. हो सकता है कि कई जिलों में कार्यक्रम जो हुए होंगे, उसमें इतनी भीड़ नहीं जुटी होगी. यह पत्र अति उत्साह में इसलिए जारी किया गया लगता है कि मौसम की बेरुखी ने जहां लोगों को घरों में कैद रहने को बाध्य कर दिया है. वहां 15000 की भीड़ अगर एक जिला अध्यक्ष जिला मुख्यालय घेराव के लिए जुटा सकें तो फिर आज झारखंड में कांग्रेस को अपनी जमीन तलाशने की जरूरत नहीं पड़ सकती है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अभी राजेश ठाकुर हैं हालांकि उनके खिलाफ भी विरोध की आवाज उठ रही है. प्रभारी अविनाश पांडे भी लगातार सक्रियता बनाए हुए हैं. लेकिन यह पत्र कम से कम कांग्रेस के सर्किल में चर्चा का विषय बना हुआ है.
रिपोर्ट: रांची ब्यूरो