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शुरू हो रहा है खरमास एक माह के लिए बंद हो जाएगी शहनाई, जानिए खरमास में क्या करें और क्या न करें

शुरू हो रहा है खरमास एक माह के लिए बंद हो जाएगी शहनाई, जानिए खरमास में क्या करें और क्या न करें

रांची (RANCHI):  भारत का ज्योतिष शास्त्र सितारों की चाल पर आधारित है. ये सितारे ही अपनी चाल से तय करते हैं कि किसका भाग्य कैसा है और किसको जीवन में क्या मिलेगा. ज्योतिष और ग्रहों की चाल शुरू से ही जिज्ञासा का विषय है. हर ग्रह का गोचर एक निश्चित अवधि में होता है जिसे संक्रांति भी कहते हैं. ग्रहों के राजा सूर्यदेव भी एक राशि में लगभग एक महीने रहते हैं और फिर ये अगली राशि में प्रवेश कर जाते हैं. इसी क्रम में सूर्य देव भी जल्द ही बदलने वाले हैं अपनी चाल और अब वो प्रवेश करेंगे वृश्चिक से धनु राशि में और धनु राशि में प्रवेश करते ही लग जाएगा “खरमास“.

क्या है खरमास

गुरु वृहस्पति सूर्य देव के भी गुरु हैं ऐसे में जब ग्रहों के राजा सूर्य देव अपने गुरु के घर जाते हैं तब अपने सभी शुभ अशुभ परिणामों को छोड़ कर सिर्फ गुरु की सेवा करते हैं. उसी प्रकार देवगुरु वृहस्पति देवताओं  के गुरु होने के साथ साथ सौरमंडल के एक महत्वपूर्ण ग्रह भी है ऐसे में अपने घर पर एक राजा का सत्कार करने के कारण वो भी अपने शुभ फल नहीं दे पातें है इन दोनों का सारा ध्यान एक दूसरे की सेवा में ही लगा रहता है. इसी कारण इस एक मास मे कोई भी अच्छा मुहूर्त नहीं मिलता और अच्छे मुहूर्त के बिना कोई शुभ काम वर्जित माना जाता है. इसीलिए जब सूर्य देवगुरु बृहस्पति की राशि (धनु और मीन) में रहता है तो उस समय को खरमास कहते हैं. वर्तमान में सूर्य वृश्चिक राशि में है और ये ग्रह 16 दिसंबर,  शुक्रवार को जैसे ही धनु राशि में प्रवेश करेगा,  खर मास शुरू हो जाएगा. ज्योतिष में कहा गया है कि सूर्य की राशि में गुरु हो और गुरु की राशि में सूर्य रहता हो तो उस काल को गुर्वादित्य कहा जाता है. भारतीय पंचाग के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में संक्रांति करते हैं तो यह समय शुभ नहीं माना जाता इसी कारण जब तक सूर्य मकर राशि में संक्रमित नहीं होते तब तक किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किये जाते. पंचाग के अनुसार यह समय सौर पौष मास का होता है जिसे खरमास कहा जाता है.

साल में पड़ती है 12 संक्रांति

बता दें ज्योतिष गणना के अनुसार एक साल में 12 संक्राति होती है. जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करता है तो वह संक्रांति कहलाती है.12 संक्रांति में धनु और मीन संक्रांति में ही खरमास लगता है. खरमास  में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य जैसे मुंडन,  छेदन,  गृह प्रवेश, विवाह आदि की मनाही होती है. साल में दो बार खरमास पड़ते हैं. पहला खरमास मीन संक्रांति पर पड़ता है और दूसरा धनु संक्रांति पर. इस साल धनु संक्रांति 16 दिसंबर 2022 को पड़ रही है और इसकी समाप्ति 14 जनवरी 2023 को होगी. हालांकि इस महीने का धार्मिक महत्व बहुत होता है. इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.

खरमास के माह में क्या करें

खरमास के महीने में पूजा पाठ का अति महत्व माना गया है. इस मास में भगवान कृष्ण की पूजा विशेष फलदाई मानी गई है. साथ ही विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करने से वैकुंठ की भी प्राप्ति कहा गया है. खरमास के महीने में हर रोज सूर्य पूजा करना और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. इस माह में आप लक्ष्मी नारायण की पूजा करके विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कर सकते हैं और दान-पुण्य का कार्य करना विशेष फलदायी माना गया है. खरमास में ईष्ट देवों की पूजा-पाठ करना और उनके नाम से दान-पुण्य के कार्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती है. खरमास के महीने में गरीब व जरूरतमदों की मदद करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. खरमास के मास में यथाशक्ति द्वारा दान-पुण्य का कार्य करने से कुंडली में स्थिति अशुभ ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इस मास में जप-तप और मंत्रों का उच्चारण करना भी काफी फलदायी साबित होता है.

खरमास में भूलकर भी न करें ये काम

 खरमास के महीने में मांगलिक कार्यक्रम जैसे मुंडन,  गृह प्रवेश, विवाह आदि संस्कार कार्य नहीं किए जाते हैं. इसके साथ ही बहू-बेटियों की विदाई नहीं की जाती और कोई भी नया कार्य शुरू नहीं किया जाता. खरमास के महीने में मकान, जमीन, प्लॉट या रियल स्टेट से जुड़ी चीजें खरीदने की मनाही है. इसके साथ ही आप सूर्य और गुरु ग्रह से संबंधित चीजें भी खरीदने से बचें. खरमास के महीने में नए कपड़े और आभूषण भी नहीं पहन सकते लेकिन आप इनको खरीदना चाहें तो खरीद सकते हैं. विवाद और बहसबाजी से बचना चाहिए.

Published at:02 Dec 2022 04:26 PM (IST)
Tags:THE NEWS POST KHARMAS DHANU SANKRANTI SURYA DEVGURU VRIHSPATI
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