रांची(RANCHI): देशभर में नीट यूजी परीक्षा पर छिड़ा विवाद अभी थमा नहीं था कि नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने झारखंड में हुए जेएसएससी परीक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि झारखंड परीक्षा गड़बड़ी का गिरोह बनता जा रहा है. जेएसएससी परीक्षा में एक ही सेंटर से 500 अभ्यर्थी पास हुए हैं. वह सेंटर बोकारो का श्रेया डिजिटल केंद्र है. इनमें से कई लोगों तो प्लस टू स्कूल में नियुक्त कर दिया गया है और कुछ को जल्द ही नियुक्ति पत्र दी जाएगी. आरोप लगाते हुए कहा कि गौर करने की बात तो यह है कि इसी केंद्र से सबसे ज्यादा टॉपर निकलकर आए हैं.
बताते चलें कि पिछले कई महीनो से राजभवन के समक्ष जेएसएससी के अभ्यर्थी परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर आंदोलन कर रहे थे. इस बीच इन्हें झारखंड के मंत्रियों से आश्वासन मिला और फिर इन्होंने अपना धरना राज भवन से समाप्त कर दिया, लेकिन समय बीतने के बाद उनके मांगों पर सरकार की ओर से विचार नहीं करने पर फिर से यह पिछले एक सप्ताह से राजभवन के समक्ष धरने पर है.
एसआईटी से जांच का सरकार ने दिया था आश्वासन
इस मामले पर अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है, यह पैसे का खेल है. परीक्षा कराने के लिए जिस एजेंसी को नियुक्त किया गया था, वह पहले से ही ब्लैक लिस्टेड है. राज्य सरकार ने एसआईटी बनाकर मामले की जांच कराने का भी फैसला किया लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
5 लाख नौकरी देने के नाम पर सत्ता में आई, लेकिन युवाओं से छिन रही रोजगार
नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने बहुत बड़ा घोटाला किया है. 5 लाख नौकरी के नाम पर सत्ता में आई लेकिन नौकरी देने के बाद सरकार नौकरी छीन रही है. सरकार को पता लगाना चाहिए कि इसके पीछे मास्टरमाइंड कौन है, लेकिन सरकार चुप बैठी है, जिससे साफ पता चलता है कि यह पूरा मामला सरकार के इशारे पर हो रहा है. राज्य सरकार के कई अधिकारियों और मंत्रियों की मिलीभगत से इस तरह का घोटाला हो रहा है. जिससे झारखंड के युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ रहा है. सरकार और सरकारी एजेंसियां युवाओं के साथ धोखा कर रही हैं.
जेएसएससी परीक्षा में अनियमितता पर सीबीआई की मांग
अमर बाउरी ने कहा कि इन मामलों को लेकर केंद्रीय मंत्री से भी पत्राचार किया जाएगा, ताकि सभी मामलों की एक साथ सीबीआई जांच हो सके. साथ ही सरकार मांग करते हुए कहा कि इस पूरे मामले पर निष्पक्ष जांच के लिए सरकार सीबीआई से अनुरोध करे. साथ ही जांच पूरी न होने तक नियुक्ति पर रोक लगाई जाए.
सरकार आने पर जांच के बाद आरोपियों को दी जाएगी सजा
कहा कि अगर सरकार इस मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो जब राज्य में भाजपा सरकार आएगी तो जो अभ्यर्थी पैसे के बल पर परीक्षा देकर नियुक्ति पा रहे हैं, ऐसे अभ्यर्थियों की नौकरी चली जाएगी और उन्हें जेल भी जाना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि 2014-19 तक भाजपा ने जितनी भी नौकरियां दी हैं, उनमें कोई अनियमितता नहीं हुई है. लेकिन आज की स्थिति बिल्कुल अलग है, छात्र ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.