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झामुमो का सनसनीखेज आरोप, CRPF के 500 जवान साजिश के तहत पहुंचे थे सीएम आवास, हेमंत को ले जाने एयरपोर्ट पर खड़ा था विशेष विमान

झामुमो का सनसनीखेज आरोप, CRPF के 500 जवान साजिश के तहत पहुंचे थे सीएम आवास, हेमंत को ले जाने एयरपोर्ट पर खड़ा था विशेष विमान

रांची(RANCHI):  झामुमो ने CRPF पर सनसनी खेज आरोप लगाया  है. कहा कि बिना किसी के अनुमति के सीएम से पूछताछ के दौरान इतनी बड़ी संख्या में CRPF के जवान कैसे पहुँच गए. साथ ही ये भी कहा कि एक षड्यन्त्र के तहत हेमंत को कहीं ले जाने का प्लान था.क्योंकि एयरपोर्ट पर विशेष विमान को बुलाया गया था. इस बाबत सीआरपीएफ के आईजी और 500 जवानों पर रांची जिला प्रशासन के द्वारा मामला दर्ज किया गया है. इन पर आरोप लगा है कि धारा 144 लागू होने के बावजूद सीएम आवास जाने का प्रयास किया. एफआईआर दर्ज होने के बाद एक बार फिर झारखंड की राजनीति गरमा गई है. अधिकारियों और जवानों पर मामला दर्ज होने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार और रांची पुलिस-प्रशासन पर निशाना साधा है. बाबूलाल ने इतना तक कह दिया कि सरकार सीआरपीएफ को डराने की कोशिश कर रही है. जिसका परिणाम भुगतने को तैयार रहे. वहीं बाबूलाल मरांडी के बयान पर झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सीआरपीएफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने आयी थी. एयरपोर्ट पर एक विमान भी खड़ा था, जिससे हेमंत सोरेन को दिल्ली ले जाया जा सके और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया सके. बता दें कि ये घटना 20 जनवरी की है जब ईडी के अधिकारी सीएम आवास पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रहे थे. इस दौरान सीएम आवास के बाहर झामुमो कार्यकर्ता और कई आदिवासी संगठनों के लोग ईडी के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे.

अब सवाल उठता है कि जब ईडी के अधिकारी सीएम आवास जाकर हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रहे थे तो सीआरपीएफ के पदाधिकारी और जवान आवास के अंदर हथियार के साथ घुसने की कोशिश क्यों की? जबकि 20 जनवरी को सीएम आवास के अंदर और बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. क्योंकि पूछताछ के दो दिन पहले ही ईडी ने पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग की थी. पुलिस मुख्यालय ने भी हालात को देखते हुए आवास के बाहर और अंदर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे. पूछताछ के दिन भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी, ताकि हालात कैसी भी को उसे निपटा जा सके. जब इतनी टाइट सिक्योरिटी थी तो सीआरपीएफ को अंदर जाने की जरूरत क्यों पड़ी. आखिर ये सब किसके इशारे पर सीआरपीएफ के पदाधिकारी करे थे? क्या ईडी के अधिकारी ने सीआरपीएफ को बुलाया था. अगर ईडी के आदेश पर सीआरपीएफ की टीम पहुंची थी तो यह निर्देश किसका था. जबकि पूछताछ के दौरान धारा 144 लागू किया गया था. धारा 144 के दौरान समूह में लोग उस क्षेत्र में रह नहीं सकता है. किसी के हाथ में किसी भी प्रकार का हथियार नहीं रहना चाहिए. मिलने पर उस व्यक्ति को तत्काल अरेस्ट किया जाता है. जबकि 20 जनवरी को सीआरपीएफ के जवान व अधिकारी हथियार के साथ सीएम आवास जाने की कोशिश कर रहे थे. इस संबंध में सीआरपीएफ के अधिकारी से पूछा गया तो वो कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. 

सीआरपीएफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर बाबूलाल  ने जताई आपत्ति 

सीआरपीएफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार और रांची पुलिस प्रशासन के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री और रांची पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रही है.  बाबूलाल ने आरोप लगाया कि ईडी को डराने के लिए राज्य सरकार ने तीर-धनुष से लैस लोगों को बुलाई थी. सीआरपीएफ अफसरों और जवानों पर एफआईआर दर्ज करने वाली रांची पुलिस में इतनी हिम्मत है तो वो हेमंत सोरेन और उनके भाड़े पर बुलाये गए लोगों पर मामला दर्ज करे. बाबूलाल ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपने पुलिस की ताकत से केंद्रीय एजेंसियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों को डरा रही है जो आने वाले समय में भारी पड़ेगा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर रांची पुलिस को एफआईआर करनी ही चाहिए थी तो वो अपने भ्रष्ट अफसरों और जवानों के खिलाफ मामला दर्ज करे. 

सुप्रियो भट्टाचार्य का आरोप- हेमंत को अरेस्ट करने की थी योजना 

इन सब पूरी प्रकरण पर जेएमएम ने बीजेपी और केंद्रीय एंजेसी पर आरोप लगया है. जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी केंद्रीय एंजेसी का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अरेस्ट करना चाहती थी. इसके लिए पहले से ही एयरपोर्ट पर एक विभान खड़ा था. सवाल उठता है कि क्या एक प्लान के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अरेस्ट कर झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की योजना थी. अगर हेमंत सोरेन गिरफ्तार हो जाते तो राज्य में अराजकता फैल जाती. राज्य के सभी जिलों में अशांति हो जाती. जगह-जगह दंगे हो जाते. इन सबका जिम्मेदार कौन होता.

झामुमो कार्यकर्ताओं को उकसा कर हिंसा भड़काना चाहते थे सीआरपीएफ: सुप्रियो

सुप्रियो भट्टाचार्य ने सीआरपीएफ पर आरोप है लगाया है कि पूछताछ के दौरान  सीआरपीएफ के अधिकारी और जवान झामुमो कार्यकर्ताओं को उकसा कर हिंसा भड़काना चाहते थे लेकिन कार्यकर्ताओं ने धैर्य का परिचय दिया. सुप्रियो ने सवाल किया कि आखिर क्या आपदा आ गई थी कि जो सीआरपीएफ को भेजना पड़ा. अपनी जिम्मेदारी से सीआरपीएफ भाग नहीं सकती है, उन्हें जवाब तो देना ही होगा. ये भी बात सही है सीआरपीएफ को जवाब देना ही चाहिए कि जब ईडी सीएम हेमंत से पूछताछ कर रही थी तो सीआरपीएफ के जवान व अधिकारी सीएम आवास के दूसरे गेट की तरफ से प्रवेश क्यों करना चाहते थे? सीएम आवास के पिछले गेट पर सीआरपीएफ की टीम क्यों गयी? क्या वजह है कि बगैर डीसी के बुलाये सीआरपीएफ आ गयी? क्या ये सब एक साजिश का हिस्सा था?

 रिपोर्ट: संजीव ठाकुर 

Published at:23 Jan 2024 01:43 PM (IST)
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