रांची(RANCHI): कुड़मी समाज का रेल रोको आंदोलन फिर एक बार तेज होने जा रहा है. झारखंड,बंगाल और उड़ीसा में एक साथ रेल मार्ग को बाधित करने की तैयारी है.कुड़मी आंदोलन को लेकर प्रदेश में में राजनीति सरगर्मी भी तेज है.कुड़मी आंदोलन पर झामुमो ने कुछ भी बोलने से परहेज किया. वहीं आजसू ने इनकी मांग को जायज बताते हुए समर्थन देने की घोषणा की है. बता दे कि कुड़मी महतो समाज को एसटी की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर 20 सितंबर से झारखंड, पश्चिम बंगाल औऱ ओडिशा में अनिश्चतकालीन रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है.
इस आंदोलन पर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि यह आदोंलन लंबे समय से चल रहा है. आजादी के पहले से जिस श्रेणी में थे उसमें वापस करने की जरूरत है. कुड़मी समाज के लोग अपने हक और अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहे है.हम सामाजिक न्याय की बात करते है लेकिन किसी एक तबके को छोड़ कर किसी प्रदेश में सामाजिक न्याय की पपरिकल्पना नहीं कर सकते है.आजसू सामाजिक और राजनीति सभी प्लेटफॉर्म से इस मुद्दों को लेकर आवाज उठाती रही है.इसपर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.
वहीं झामुमो केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस मुद्दे पर खुल कर अपनी बात रखने से बचते दिखे. जब उनसे कुड़मी आंदोलन पर सवाल किया गया तो कहा कि आंदोलन लंबे समय से चल रहा है. इस मामले में सामाजिक लोगों से ही सवाल होगा तो बेहतर होगा.इसमें राजनीति प्रतिक्रिया सही नहीं है. यह आंदोलन एक समाज से जुड़ा है पूरे आंदोलन की तैयारी भी एक समाज के लोगों को करनी है.