रांची :भाजपा जिस तरह से ताबड़तोड़ प्रत्याशियों का एलान करके अपने इरादे जाहिर कर दिए और जिस तरह से चुनाव से पहले हरेक कदम फूंक-फूंक कर रख रही है. इससे तो कहीं भी नहीं लगता कि उनकी तैयारियां में कोई कमी है. इधर, झारखंड में इंडिया गठबंधन अभी तक कितनी सीटों पर लड़ेगा और उनके प्रत्याशी कौन-कौन कहां से उतरेंगे. अभी तक तय नहीं है. कांग्रेस और जेएमएम में मुख्यता सीटो का बंटवारा है. जिसके एलान होने का इंतजार है. .
दरअसल, अभी मुश्किल में जेएमएम चल रही है, जमीन घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद पार्टी को झटका लगा है. लेकिन, हेमंत की वाइफ कल्पना के उतरने से एक नई जान तो आई है. मौजूदा परिदृश्य को समझे और भांपे तो जेएमएम घबराने की बजाए चुनौतियों को स्वीकार कर रही है. अभी सीट बंटवारा तो फाइनल नहीं हुआ है. लेकिन, अगर जेएमएम के दावे की बात करें तो कुछ सीटे पर स्वभाविक ही उसका दावा बनता है. चलिए इसकी चर्चा क्रमवार कर लेते हैं.
गिरिडीह- झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए गिरिडीह सीट परंपरागत रही है. यहां जेएमएम के संस्थापकों में से एक बिनोद बिहारी महतो भी चुनाव लड़कर जीत चुके हैं. इस सीट में पूर्व डुमरी विधायक और शिक्षा मंत्री दिवंगत जगरनाथ महतो चुनाव लड़ा करते थे. लेकिन, उनके निधन के बाद यह सीट पर उम्मीदवार कौन होगा. इसे लेकर पशोपेश अभी भी बना हुआ है . चर्चाओ के बाजार में इस सीट पर हेमंत सोरेन की वाइफ कल्पना सोरेन के लड़ने की चर्चा हो रही है. इसके पीछे अपने-अपने तर्क दिए जा रहें है. गिरिडीह सीट से ही अपना राजनीतिक आगाज कल्पना ने किया .इसे लेकर सुगबुगाहटे तेज हैं कि कल्पना सोरेन यहां से प्रत्याशी हों. वही अगर कल्पना नहीं उतरती है, तो फिर टुडी विधायक मथुरा प्रसाद यहां से उतर सकते हैं.
दुमका - संथाल परगना की दुमका सीट सोरेन परिवार का परंपरागत सीट रही है. यहां पर उसका सिक्का शुरु से ही चलता रहा है. ऐसी सूरत में इस बार उसकी कोशिश भाजपा से सीट छीनने की होगी . मौजूदा समय में जेएमएम नया दांव चलते हुए जामा विधायक सीता सोरेन को यहां उतार सकती है. अगर सीता नहीं उतरती है तो फिर शायद शिबू सोरेन भी यहां से चुनाव लड़ सकते हैं. माना जा रहा है कि अगर सीता सोरेन यहां से चुनाव लड़ती है, तो फिर जामा से उनकी बेटी जयश्री को टिकट देकर राजनीतिक में एंट्री करायी जा सकती है. फिलहाल, इस सीट पर कुछ भी साफ नहीं है.
राजमहल- संथाल की इस सीट पर जेएमएम लगातार दो बार जीत दर्ज की है. विजय हांसदा का टिकट इस बार भी पक्का माना जा रहा है. हालांकि, चर्चा में लोबिन हेम्ब्रम इस बार है. उनका कहना है कि अगर इस सीट पर विजय हांसदा को मौका दिया गया, तो फिर अपनी अलग राह चुन लेंगे. आगे क्या होगा ये तो वक्त की बात है, लेकिन, विजय हांसदा का टिकट पक्का माना जा रहा है
चाईबासा - गीता कोड़ा के भाजपा में जाने के बाद इस सीट पर जेएमएम दावा कर रही है. माना जा रहा है कि इस सीट से जेएमएम चुनाव लड़ेगी. अगर ऐसा होता है, तो फिर दीपका बिरुआ या फिर सुखदेव उरांव को झामुमो उतार सकती है. चर्चा तो तेज ये भी है कि जोबा मांझी भी यहां से प्रबल दावेदार है.
जमशेदपुर- इस गैर आरक्षित सीट से कम उम्मीद है कि किसी आदिवासी चेहरे को जेएमएम उतारेगी. लेकिन, ईचागढ़ की जेएमएम विधायक सवीता महतो का नाम सबसे आगे चल रहा है. खरसावां विधायक दशरथ गोगई और निरल पूर्ती के नाम की भी चर्चा है. इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा किसे भाजपा के विद्युतवरण महतो के खिलाफ उतारेगी यह देखना दिलचस्प होगा.
लोहरदगा- इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा अपना हक जता रही है. लेकिन, कांग्रेस इसे छोड़ने को तैयार नहीं है. अगर जेएमएम को यह सीट मिलती है, तो फिर चमरा लिंडा यहां से प्रत्याशी हो सकते हैं. अभी कुछ भी तय नहीं है. इन नामों की चर्चा और सबके अपने-अपने दांवे हैं. हालांकि, पूरी तस्वीर जल्द साफ हो जाएगी. इसके बाद मालूम पड़ेगा कि आखिर किस सीट से जेएमएम लड़ेगी और कौन उनके प्रत्याशी होंगे .